Edited By bharti,Updated: 17 Oct, 2018 01:58 PM
धार्मिक भावनाओं तथा धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए पंजाब सरकार की ओर से बनाए गए कानून ...
नवांशहर (त्रिपाठी): धार्मिक भावनाओं तथा धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए पंजाब सरकार की ओर से बनाए गए कानून (धारा 295 ए) के दुरुपयोग की आशंका को लेकर आज जमहूरी अधिकारी सभा के बैनर तले विभिन्न जत्थेबंदियों के वफद ने जिला प्रशासन की मार्फत पंजाब के राज्यपाल को मांग पत्र भेजा है। वफद ने उक्त कानून को खत्म करने तथा इस धारा के तहत गायक सुरजीत पर दर्ज हुए मामले को रद्द करने की मांग की।
इससे पूर्व स्थानीय बारादरी बाग में जत्थेबंदियों के कार्यकर्ता इकट्ठे हुए। इस अवसर पर जमहूरी अधिकार सभा के जिला जनरल सचिव जसवीर दीप, प्रदेश सचिव बूटा सिंह, किरती किसान यूनियन के जिला प्रधान सुरिन्दर बैंस तथा पेंडू मजदूर यूनियन के कमलजीत सनावा ने कहा कि आज के सभ्य तथा आधुनिक युग में इस तरह की धाराओं की जरूरत नहीं है। यह कानून सीधे तौर पर नागरिकों के फर्ज तथा स्वतंत्रता पर हमला है तथा इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसका दुरुपयोग भी 295 ए की भांति हो सकता है।
उन्होंने कहा कि समाज में अमन-कानून की स्थिति बनाए रखने तथा द्वेष भाव को रोकने के लिए पहले से ही बहुत कानून हैं पर उन्हें लागू करने में सरकार असमर्थ रही है। उन्होंने कहा कि यह धारा अंग्रेजी शासन के दौरान धार्मिक भावनाओं को हवा देने के लिए अमल में लाई गई थी, जिसका नतीजा 1947 में हुए कत्लेआम में मिला था। उन्होंने राज्यपाल को सौंपे मांग पत्र में मांग की कि धार्मिक भावना की आड़ में हो रही गुंडागर्दी पर तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए तथा धारा 295 ए.ए. के तहत शिकायत को तुरंत रद्द किया जाए। इस अवसर पर रामजी दास, मोहन लाल पुन्नू मजारा, बलजीत सिंह, कुलविन्दर सिंह इत्यादि उपस्थित थे।