किसान जत्थेबंदियों ने जाम लगा सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 03:01 PM

farmers demands

किसानों की मांगों को लेकर किसान जत्थेबंदियों की तरफ से बुद्धवार को मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग नंबर 71 तथा गांव माछीके में दो घंटे जाम लगा कर यातायात ठप्प कर देने की सूचना मिली है।

बाघापुराना (राकेश/ चुटानी): किसानी, मजदूर, मुलाजिम मांगों को लेकर आज 7 किसान जत्थेबंदियों के आह्वान पर गांव गिल में किरती किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन डकौंदा, टी.एस.यू. की ओर से अपनी मांगों को लेकर जाम व रोष धरना लगाकर नारेबाजी की गई। इस अवसर पर अमरीक सिंह घोलियां, अजीत सिंह डेमरू, गुरबख्श सिंह सेखा, लाभ सिंह गिल, गुरदीप सिंह वैरोके, बलकौर सिंह घलकलां ने कहा कि केन्द्र व पंजाब सरकार लोगों के साथ वायदे करके मुकर रही है जबकि कर्जे की मार से किसान मजबूर होकर खुदकुशियों के रास्ते पर आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बजट में किसान पक्षीय कोई योजना नहीं रखी। कैप्टन सरकार ने किसानों के सारे कर्जे माफ करने तथा घर-घर नौकरी देने की बजाय किसानों की मोटरों पर बिल लगाने शुरू कर दिए हैं तथा रोजगार देने की बजाय नौकरियां भी छीनी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि थर्मल प्लांट, स्कूल, सुविधा सैंटर बंद करके नौजवानों को बेरोजगार किया जा रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण पढ़े-लिखे युवकों को नौकरियां नहीं मिल रहीं तथा बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार द्वारा गौ सैस लगाया जाता है लेकिन आवारा पशुओं की संभाल के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए। ऐसे में पशु रोजाना किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचा रहे हैं।

किसान जत्थेबंदियों ने किसानी मांगों को लेकर आज मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग पर गांव माछीके में दोपहर 12 से 2 बजे तक जाम लगाकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) एकता उगराहां के जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह सैदोके, त्रिलोक सिंह हिम्मतपुरा, ब्लाक अध्यक्ष गुरचरण सिंह रामा, सौदागर सिंह खाई, बूटा सिंह भागीके ने कैप्टन सरकार द्वारा किसानों की मांगों प्रति धारण किए अडिय़ल रवैये की सख्त शब्दों में निंदा की। उन्होंने कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा चुनाव वायदे से पीछे हटने का गंभीर नोटिस लेते खेती मोटरों पर मीटर लगाने के फैसले की तीव्र शब्दों में निंदा करते इस फैसले के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडऩे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज का सांकेतिक जाम सरकार के कान खोलने के लिए किया गया है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने अभी भी किसानी मांगों की अनदेखी की तो आने वाले दिनों में संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

100 से अधिक किसानों पर मामला दर्ज
7 किसान जत्थेबंदियों द्वारा आज कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग पर गांव माछीके में लगाए गए जाम के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए मोगा जिले की पुलिस ने 100 से अधिक किसानों पर मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार थाना निहाल सिंह वाला में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह सैदोके, त्रिलोक सिंह हिम्मतपुरा, सौदागर सिंह खाई, बूटा सिंह भागीके, हरबंस सिंह, काका सिंह माछीके सहित 100 से अधिक अज्ञात किसानों पर धारा 188, 283, 431, 8 बी नैशनल हाईवे एक्ट तहत मामला दर्ज किया गया है।  वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने अपनी हकी मांगों के लिए शांतमय ढंग से संघर्ष कर रहे किसानों पर दर्ज किए झूठे मामलों की कड़े शब्दों में ङ्क्षनदा करते कहा कि पर्चों द्वारा किसान लहर को दबाने का भ्रम लिए बैठी कांग्रेस सरकार के ऐसे हथकंडे सफल नहीं होंगे तथा पंजाब के जुझारू लोग इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।

ये हैं मुख्य मांगें
1. सरकार द्वारा घोषित 2 लाख तक के फसली कर्जे माफ करने के नोटीफिकेशन की धारा 5.2 हटाकर 5 एकड़ तक के सारे किसानों के लिए बिना शर्त धारा 5.1 तहत ही लागू किया जाए।
2. खेती विरोधी नीतियों कारण सहकारी, व्यापारिक बैंकों के सूदखोर आढ़तियों, साहूकारों समेत निजी वित्तीय कंपनियों से लिए कर्जे वापस करने में असमर्थ किसानों, मजदूरों के समूचे कर्जों को खत्म किया जाए।
3. कर्जा लेने समय किसानों, मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाकर हासिल किए हस्ताक्षर, अंगूठे वाले खाली चैक, परनोट, अष्टाम बैंक व आढ़तियों से तुरंत वापस करवाए जाएं।
4. कर्जा वसूली खातिर कुुॢकयां, नीलामी, गिरफ्तारी, पुलिस दखल व फोटो समेत डिफाल्टर लिस्टों जैसे हथकंडों पर पाबंदी, ब्याज पर ब्याज तथा मूलधन से अधिक ब्याज वसूलने पर पाबंदी लगाई जाए।
5. खेती फसलों के लाभकारी समर्थन मूल्य डा. स्वामीनाथन की सिफारिश अनुसार निश्चित करके दिए जाएं।
6. घटिया बीजों, दवाइयों, खादों इत्यादि के अलावा बिजली के घटिया प्रबंधों या कुदरती आपदा द्वारा बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा औसत झाड़ के पूरे मूल्य के बराबर दिया जाए।
7. कर्जों व आर्थिक तंगी से पीड़ित खुदकुशियों का शिकार हुए किसानों, मजदूरों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा, 1-1- सरकारी नौकरी तथा समूचे कर्जे खत्म करके राहत दी जाए।
8. धान की पराली व गेहूं की नाड़ को बिना जलाए संभालने के लिए धान पर 200 रुपए तथा गेहूं पर 150 रुपए प्रति किं्वटल बोनस दिया जाए।
9. पशुओं व कुत्तों का सरकार प्रबंधक करे।

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