Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 04:15 PM
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा वाॢषक परीक्षाओं के लिए सैल्फ सैंटर खत्म करने के बाद अब प्राइवेट स्कूलों के परीक्षाॢथयों के परीक्षा केन्द्र भी सरकारी स्कूलों में बनाने के फैसले खिलाफ एफीलिएटिड स्कूल लामबंद हो गए हैं। राज्य के 4500 के करीब निजी...
लुधियाना(विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा वाॢषक परीक्षाओं के लिए सैल्फ सैंटर खत्म करने के बाद अब प्राइवेट स्कूलों के परीक्षाॢथयों के परीक्षा केन्द्र भी सरकारी स्कूलों में बनाने के फैसले खिलाफ एफीलिएटिड स्कूल लामबंद हो गए हैं। राज्य के 4500 के करीब निजी स्कूलों ने बोर्ड के उक्त फैसले के विरोध में 5 फरवरी सोमवार को अपने स्कूल बंद रखने का ऐलान कर दिया है। पी.एस.ई.बी. स्कूलों की विभिन्न एसोसिएशनों ने एकजुट होकर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ संघर्ष तेज करने की चेतावनी दे दी है। बात अगर लुधियाना की करें तो यहां पर भी 450 एफीलिएटिड स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे।
कई स्कूलों में डैस्क और पीने वाले पानी का इंतजाम तक नहीं
रैकोगनाइज्ड एंड एफीलिएटिड स्कूलज एसोसिएशन (रासा) पंजाब व पी.एस.ई.बी. एफीलिएटिड स्कूलज पंजाब ने बोर्ड को साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर सरकारी स्कूलों में उनके स्कूलों के विद्यार्थियों के परीक्षा केंद्र बनाने हैं तो पहले सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए बनाए गए बोर्ड के नियमों को पूरा किया जाए। स्कूलों का कहना है कि कई सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जिनमें बच्चों को बिठाने के लिए डैस्क नहीं है और पीने वाले साफ पानी का इंतजाम तक नहीं है।
बोर्ड ने नहीं रखा विद्यार्थियों की सहूलियत का ध्यान
एसो. ऑफ पी.एस.ई.बी. प्राइवेट स्कूलज पंजाब के प्रधान राजिंद्र शर्मा व रासा के सैक्रेटरी रंजीत सिंह सैनी ने बोर्ड के फैसले बारे कहा कि इस गलत निर्णय से उनके स्कूलों के छात्रों को काफी दूर तक बनने वाले सैंटरों में पेपर देने के लिए जाना पड़ेगा। इन विद्याॢथयों में लड़कियां भी शामिल हैं जिनकी सुरक्षा अति लाजमी है। उन्होंने कहा कि दूर बनने वाले सैंटरों में जाने के लिए विद्याॢथयों की जेब पर किराए के रूप में बोझ भी बढ़ेगा लेकिन सरकार व बोर्ड ने उक्त नियम बनाते समय विद्यार्थियों को पेश आने वाली परेशानी को भी ध्यान में नहीं रखा।
लुधियाना में अपीयर होंगे करीब 1 लाख परीक्षार्थी
स्कूलों का कहना है कि बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में इस बार राज्य भर में करीब 12 लाख परीक्षार्थी अपीयर हो रहे हैं जिसमें से 75 प्रतिशत विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों से हैं। बात अगर लुधियाना की करें तो यहां बनने वाले करीब 350 परीक्षा केंद्रों में 300 के करीब परीक्षा केंद्र प्राइवेट स्कूलों में बनते हैं। एक अनुमान के मुताबिक 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में अकेले लुधियाना जिले के परीक्षा केंद्रों में ही इस बार करीब 1 लाख परीक्षार्थी अपीयर होंगे।
सैंटर संचालक बेवजह मचा रहे हो हल्ला : शिक्षा मंत्री
इस संबंधी बात करने पर शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी ने कहा कि एफीलिएटिड स्कूलों के सैंटर संचालक बे वजह इस मामले में हो हल्ला मचा रहे हैं जबकि सरकार व बोर्ड ने बड़े ही सोच समझकर उक्त फैसला किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अगर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं तो वहां पर भी विद्याॢथयों के लिए प्रबंध मुकम्मल होंगे। अभी तो परीक्षाएं शुरू भी नहीं हुई और निजी स्कूल पहले से ही इस मामले में अपने कयास लगाने लगे हैं। अरूणा चौधरी ने कहा कि बोर्ड अपने हर फैसले पर पूरी तरह से कायम रहेगा और प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में बनने वाले परीक्षा केंद्रों में ही परीक्षा देनी होगी। बोर्ड की ओर से छात्रों की सुविधा के लिए परीक्षा केंद्रों की गिनती में बढ़ौतरी की जा रही है, क्योंकि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर ही बोर्ड ने निर्णय लिए हैं।
28 से परीक्षाएं लेकिन सैंटर अभी तक फाइनल नहीं
परीक्षा केंद्र बनने वाले स्कूल संचालकों का कहना है कि वे पिछले काफी समय से सरकार को अपने निर्णय पर पुनॢवचार करने का आग्रह करते आ रहे हैं लेकिन सरकार व बोर्ड स्कूलों की बात तक सुनने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र दूसरे स्कूलों में बनने के फैसले पर विद्यार्थी वर्ग भी टैंशन में हैं। सबसे अधिक दुविधा तो यह है कि परीक्षाएं 28 फरवरी से शुरू होनी हैं और अभी तक सैंटरों की लिस्टें भी तैयार नहीं हो पाई हैं।