डिपुओं में गेहूं वितरण के लिए शुरू की बायोमैट्रिक प्रणाली पर सरकार लगाए पाबंदी

Edited By swetha,Updated: 09 Mar, 2020 12:42 PM

government imposes ban on biometric for wheat distribution in depots

कोरोना वायरस के जानलेवा प्रभाव को देखते हुए अब पंजाब राशन डिपो होल्डर एसोसिएशन के राज्य प्रधान सुरिन्द्र सिंह छिन्दा ने कैप्टन सरकार से पंजाब भर के 1,700 डिपो होल्डरों, खाद्य एवं आपूॢत विभाग के हजारों कर्मचारियों सहित 30 लाख के करीब स्मार्ट राशन...

लुधियाना(खुराना): कोरोना वायरस के जानलेवा प्रभाव को देखते हुए अब पंजाब राशन डिपो होल्डर एसोसिएशन के राज्य प्रधान सुरिन्द्र सिंह छिन्दा ने कैप्टन सरकार से पंजाब भर के 1,700 डिपो होल्डरों, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के हजारों कर्मचारियों सहित 30 लाख के करीब स्मार्ट राशन कार्डधारक परिवारों से संबंधित तकरीबन 1.30 करोड़ सदस्यों की सुरक्षा की गुहार लगाई है। 

डिपो होल्डर एसो. ने कहा कि जिस प्रकार से पंजाब सरकार ने सभी सरकारी विभागों से संबंधित कार्यालयों में बायोमैट्रिक द्वारा लगाई जाने वाले हाजिरी पर रोक लगाई है ठीक उसी तर्ज पर डिपुओं पर स्मार्ट राशन कार्डधारकों में बायोमैट्रिक प्रणाली द्वारा वितरण की जा रही गेहूं पर पाबंदी लगाकर डिपो मालिकों सहित अन्य सभी वर्गों को कोरोना के खौफ से राहत दिलवाने में पहलकदमी की जाए।  

छिन्दा ने डिपो मालिकों व विभागीय कर्मचारियों सहित लाभपात्र परिवारों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान खड़े करते हुए सरकार से मांग की है कि डिपुओं पर वितरण की जाने वाली गेहूं को फिलहाल मैनुअल ढंग से निपटाकर इसकी एन्ट्री सरकारी रिकार्ड में लिखित रूप में की जाए ताकि जो सरकार की उक्त योजना का लाभ डिपो मालिक व संबंधित कर्मचारी बिना किसी खौफ के लाभपात्र परिवारों तक पहुंचाने के कार्यों को अंजाम देते रहे।

यहां बताना अनिवार्य रहेगा कि मौजूदा समय में पंजाब के डिपुओं पर सिक्योरिटी एक्ट 2013 के तहत गेहूं वितरण कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। जहां पर प्रत्येक कार्डधारक परिवारों के अंगूठे के निशान बायोमैट्रिक मशीन में मैच होने के उपरांत ही उन्हें गेहूं का लाभ दिया जाता है।  इस पूरे एपिसोड में मशीन का पासवर्ड खोलने के लिए संबंधित डिपो मालिक व विभागीय कर्मचारी के अंगूठे के निशान भी मशीन में लगानी जरूरी है। अब ऐसे में डिपो मालिकों का तर्क है कि जब एक सरकारी कार्यालय में काम करने वाले 20-25 अधिकारियों व कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सरकार बायोमैट्रिक मशीनों पर प्रतिबंध लगा सकती है तो फिर डिपुओं पर तो बायोमैट्रिक मशीन प्रणाली द्वारा गेहूं प्राप्त करने वाले लाभपात्र परिवारों की संख्या 300-400 का आंकड़ा पार कर जाती है तो क्या सरकार को अपनी आवाम की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं करने चाहिएं? 

गेहूं वितरण का काम बायोमैट्रिक मशीनों से ही किया जाएगा : आशु
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि फिलहाल राशन डिपुओं पर गेहूं वितरण का काम बायोमैट्रिक मशीनों द्वारा ही किया जाएगा क्योंकि इसमें पूर्ण तौर पर पारदर्शिता बनी रहती है और गेहंू का दाना-दाना उन हाथों तक पहुंच रहा है जिनको गेहंू की जरूरत है। यहां आम तौर पर शिकायतें सामने आती रहती हैं कि कई डिपो होल्डर जरूरतमंद व गरीब परिवारों के अधिकारों पर डाका मारने के लिए कई प्रकार की साजिशें रचते रहते हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए ही सरकार द्वारा बायोमैट्रिक प्रणाली को राशन डिपुओं पर उतारा गया है। 

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