Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 10:26 AM
पहले 1 अप्रैल, 2017 से उद्योगों को पंजाब सरकार द्वारा राज्य में 5 रु. प्रति यूनिट बिजली देने की घोषणा कर उसे 1 जनवरी, 2018 तक टाल दिया गया था। अब नई घोषणा से खुश हुए व्यापारियों को जब जनवरी माह के बिल मिलने शुरू हुए तो उद्योगों को 8.50 रुपए से लेकर...
खन्ना (शाही): पहले 1 अप्रैल, 2017 से उद्योगों को पंजाब सरकार द्वारा राज्य में 5 रु. प्रति यूनिट बिजली देने की घोषणा कर उसे 1 जनवरी, 2018 तक टाल दिया गया था। अब नई घोषणा से खुश हुए व्यापारियों को जब जनवरी माह के बिल मिलने शुरू हुए तो उद्योगों को 8.50 रुपए से लेकर 9.50 प्रति यूनिट बिजली की कीमत चुकानी पड़ रही है जिससे उद्योगपति खुद को ठगा महसूस करने लगे हैं।
रैगुलेटरी कमीशन से पहले पंजाब सरकार ने टू-पार्ट टैरिफ पास करवा लिया जिससे एक तो बिजली की खपत पर कीमत वसूली जाएगी दूसरा मंजूर किए गए लोड पर अलग से चार्ज किया जाएगा। बिजली खपत पर 6.57 प्रति यूनिट के स्थान पर 1 हजार किलोवाट लोड तक 5.70 प्रति खपत यूनिट के साथ 140 रुपए मंजूर लोड पर फिक्स रेट, 1 हजार से 2500 किलोवाट तक 5.74 रुपए प्रति यूनिट के साथ 195 रुपए लोड पर फिक्स, 2500 किलोवाट के ऊपर 5.78 रुपए के साथ 230 रुपए प्रति किलोवाट एवं स्टील के लिए 5.98 प्रति यूनिट के साथ 298 रुपए फिक्स रेट तय कर दिया गया।
पंजाब सरकार को रैगुलेटरी कमीशन का टू-पार्ट टैरिफ रास आ गया एवं उद्योगपतियों को बुला कर कह दिया गया कि सरकार केवल खपत यूनिटों पर 70 से 78 पैसे यूनिट छूट देने को तैयार है एवं इससे 5 रुपए प्रति यूनिट का वायदा पूरा हो जाएगा। गिड़गिड़ाती पंजाब सरकार के लिए उद्योपति इस शर्त पर तैयार हो गए कि उद्योगों पर ज्यादा से ज्यादा 6.57 रुपए प्रति यूनिट की कैप लगा दी जाए। पंजाब सरकार ने उद्योपतियों की यह शर्त इस बात पर मान ली कि अगर फैक्टरी कम चलेगी तो कैप रेट 6.57 रुपए के स्थान पर पुराना न्यूनतमरेट भी लगा दिया जाएगा।
इस समझौते के साथ उद्योगपति कहने लगे कि उन्हें 1 जनवरी से 5 रुपए प्रति खपत एवं 140, 195, 230 एवं 295 रुपए टू-पार्ट टैरिफ जब लगेगा तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा 6.57 रुपए प्रति यूनिट ही देने पड़ेंगे, लेकिन अब जब जनवरी के बिल उद्योगपतियों को मिलने शुरू हुए तो उसमें 6.57 रुपए कैप का वायदा गायब मिला एवं टू-पार्ट टैरिफ में 5 रु पए खपत यूनिटों के साथ फिक्स रेट लगाए गए थे।
खन्ना के उद्योगपति संदीप सिंह के.एस. स्टील रोलिंग मिल वालों ने बताया कि उन्हें जो जनवरी महीने का बिल मिला उसमें कुल 9.20 रुपए प्रति यूनिट चार्ज किए गए हैं।
इस लिए उन्होंने फैसला किया है कि वह अपने उद्योग का लोड घटा कर आधा कर लेंगे ताकि फिक्स रेट पर उन्हें कम पैसा देना पड़े। भले ही इससे उत्पादन कम हो जाएगा लेकिन इतनी महंगी बिजली से उद्योग नहीं चल सकते। मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नेस टी.सी.जी. अलायज के सौरव जैन ने बताया कि उन्हें जनवरी महीने का बिजली का बिल 5.30 रुपए प्रति यूनिट एवं फिक्स रेट 298 रुपए प्रति किलोवाट लोड से मिला है।
क्या कहना है चीफ इंजीनियर का
इस बाबत जब चीफ इंजीनियर कमॢशयल अरुण गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उद्योगों के लिए जो ज्यादा से ज्यादा रेट की कैप लगाया गया था उस पर स्पष्टता नहीं हो रही थी। पावर-कॉम ने इसके लिए राज्य सरकार को लिखा है जैसे ही इस पर स्पष्टीकरण मिल जाता है, उद्योगों को 1 जनवरी से उसके मुताबिक रेट चार्ज किए जाएंगे। अगर किसी से ज्यादा वसूला गया तो उसे रिफंड कर दिया जाएगा।