Edited By Vatika,Updated: 14 Jul, 2018 12:26 PM
सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए मुख्यमंत्री का घेराव करने की चेतावनी देने वालों अध्यापकों को ऐसा करने पर नौकरी से डिसमिस करने की धमकी देने के बाद शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी जहां सोशल मीडिया पर अध्यापकों के निशाने पर हैं, वहीं अकाली दल ने भी...
लुधियाना (विक्की): सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए मुख्यमंत्री का घेराव करने की चेतावनी देने वालों अध्यापकों को ऐसा करने पर नौकरी से डिसमिस करने की धमकी देने के बाद शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी जहां सोशल मीडिया पर अध्यापकों के निशाने पर हैं, वहीं अकाली दल ने भी शिक्षा मंत्री को अध्यापकों के साथ शालीनता से बात करने की सलाह दी है।
राज्य के शिक्षा सिस्टम में मजबूती लाने के लिए कदम बढ़ाने चाहिएं
पूर्व शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने शिक्षा मंत्री सोनी के उक्त बयान को गैर जिम्मेदाराना ठहराया है और उन्हें देश के भविष्य निर्माताओं बारे सादगी भरे लहजे में बात करने का सुझाव दिया है। पंजाब केसरी से विशेष बातचीत दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार में मंत्रियों को अपने विभागों से संबंधित जनता को आ रही मुश्किलों का समाधान करना चाहिए न कि धमकियां देनी चाहिएं। अध्यापकों के स्कूलों में कुर्ता-पायजामा पहनने पर रोक के फैसले बारे पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापक समाज का आईना होते हैं और उन्हें मालूम है कि अध्यापन दौरान किस तरह का ड्रैस कोड उनके लिए उचित है। इसलिए सरकार को अध्यापकों के ड्रैस कोड की चिंता करने की बजाय राज्य के शिक्षा सिस्टम में मजबूती लाने के लिए कदम बढ़ाने चाहिएं।
बच्चों की विदायगी पार्टियां बंद करना कांग्रेस की घटिया मानसिकता का परिणाम
सरकारी स्कूलों में बंद की गई विद्यार्थियों की विदायगी पार्टियों के फैसले को पूर्व शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस की घटिया मानसिकता का परिणाम बताया है। डा. चीमा ने कहा कि विदायगी पार्टियां स्कूल में पारिवारिक माहौल के बीच प्रिंसीपल व अध्यापकों की मौजूदगी में की जाती हैं। इस दिन बच्चे अपने अध्यापकों के साथ यादगारी चित्र खिंचवाते हैं लेकिन कांग्रेस सरकार ने स्कूली बच्चों से विदायगी पार्टी की खुशी भी छीन ली।