Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 03:22 PM
नगर निगमों में कार्यरत सुपरिंटैंडैंटों को बतौर सैक्रेटरी प्रमोट करने को लेकर कई बार नियम बदलने या कोर्ट केसों के कारण लंबे समय से चल रही आंख-मिचौली आखिर खत्म हो गई है। इसके तहत लोकल बॉडीज विभाग की तरफ से 13 सुपरिंटैंडैंटों को एक बार फिर सैक्रेटरी...
लुधियाना(हितेश): नगर निगमों में कार्यरत सुपरिंटैंडैंटों को बतौर सैक्रेटरी प्रमोट करने को लेकर कई बार नियम बदलने या कोर्ट केसों के कारण लंबे समय से चल रही आंख-मिचौली आखिर खत्म हो गई है। इसके तहत लोकल बॉडीज विभाग की तरफ से 13 सुपरिंटैंडैंटों को एक बार फिर सैक्रेटरी बनाने बारे औपचारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंधी खुलासा पंजाब केसरी ने पहले ही कर दिया था और अब सरकार द्वारा इन अफसरों की विभिन्न नगर निगमों में खाली पड़ी पोस्टों पर तैनाती भी कर दी गई है।
इन अफसरों को मिली प्रमोशन व पोसिं्टग
नाम स्थान
कुलविन्द्र सिंह बठिंडा
दिनेश ज्योति फगवाड़ा
जसदेव सेखों पटियाला
रंजीव कुमार मोहाली
विक्रांत जालंधर
नीरज जैन पटियाला
सुरेनद्रपाल सिंह लुधियाना
राहुल शर्मा होशियारपुर
सुभाष चंद्र अमृतसर
अमरदीप गिल मोगा
विशाल वधावन बठिंडा
हरबंस सिंह पठानकोट
तेजिन्द्र पंछी लुधियाना
इस तरह बदलते रहे प्रमोशन के नियम
-1998 : ग्रैजुएशन के साथ बतौर सुपरिंटैंडैंट 5 साल का तजुर्बा
-2011 : ग्रैजुएशन के साथ बतौर सुपरिंटैंडैंट 10 साल का तजुर्बा
- 25 फीसदी कर दिया गया कोटा
-75 फीसदी कोटे में 55 फीसदी नंबरों के साथ ग्रैजुएशन व एम.बी.ए. को किया एड
- 4 साल कर दिया गया तजुर्बा
-ए.टी.पी. व एस.डी.ओज के लिए रख दिया गया कोटा
-2014 : ग्रैजुएशन के साथ बतौर सुपरिंटैंडैंट 7 साल का तजुर्बा
-एम.बी.ए. व लॉ डिग्री के लिए रख दिया 40 फीसदी कोटा
- 5 साल का चाहिए था बतौर सुपरिंटैंडैंट तजुर्बा
-2016 : फिर से लागू किए 1998 के नियम
-सितंबर 2016 में बैक डेट से दे डाली प्रमोशन
-कोर्ट ने लगा दिया स्टे
- सरकार ने दिसंबर 2016 में फिर से की प्रमोशन
-मई 2017 में दोबारा रिवर्ट कर दिए सैक्रेटरी
-डी.पी.सी. के बिना प्रमोशन करने का दिया हवाला