Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 02:11 PM
शहर के अस्पतालों में इन दिनों रहस्यमयी वायरल से बेहाल मरीजों की काफी संख्या सामने आ रही है। फ्लू से मिलते लक्ष्णों वाले अधिकतर मरीज छाती के संक्रमण व सांस लेने की तकलीफ के सामने आ रहे हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को वैंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है। कम...
लुधियाना (सहगल): शहर के अस्पतालों में इन दिनों रहस्यमयी वायरल से बेहाल मरीजों की काफी संख्या सामने आ रही है। फ्लू से मिलते लक्ष्णों वाले अधिकतर मरीज छाती के संक्रमण व सांस लेने की तकलीफ के सामने आ रहे हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को वैंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है। कम गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है। विशेषज्ञ इसे महामारी की संज्ञा दे रहे हैं। दयानंद अस्पताल में लगभग 100 मरीज इस समय भी भर्ती हैं। सभी आई.सी.यू. फुल हैंं।
अस्पताल के सूत्रों के अनुसार पिछले 15 दिनों में 500 के करीब ऐसे मरीज भर्ती हो चुके हैं। ऐसे मरीजों को ठीक होने में 10 से 15 दिन लग रहे हैं। अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. संदीप शर्मा ने कहा कि वायरल से पीड़ित होकर मरीज हर वर्ष सामने आते हैं परंतु इन दिनों मरीजों की संख्या काफी अधिक सामने आ रही है। एस.पी.एस. अस्पताल के मैडीसन विशेषज्ञ डा. गौतम ने बताया कि उनके अस्पताल में लगभग &0 मरीज भर्ती हैं। आई.सी.यू. फुल हैं। अधिकतर मरीज फ्लू से पीड़ित हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है। जी.टी.बी. अस्पताल पर एमरजैंसी ड्यूटी पर उपस्थित डा. हरपाल ने बताया कि अस्पताल में 100 के करीब मरीज भर्ती हैं। अधिकतर मरीजों की आयु 50 से अधिक है। उन्होंने कहा कि वायरल का ऐसा प्रकोप पहली बार सामने आया है। मोहनदेई अस्पताल के विशेषज्ञ डा. प्रदीप कपूर ने बताया कि इस वायरल से मरीज की शारीरिक रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। हर समय 20 से 30 मरीज अस्पताल में भर्ती रहते हैं। इसी तरह सिविल अस्पताल में मैडीसन के विशेषज्ञों डा. अविनाश जिंदल ने बताया कि रोज 25 से &0 मरीज उनकी ओ.पी.डी. में सामने आ रहे हैं।
क्या स्वाइन फ्लू ने बदला स्वरूप?
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वाइन फ्लू की तरह लक्ष्ण होने पर भी यह वायरल मरीजों को 10 से 15 दिन तक परेशान करता है और स्वाइन फ्लू की तरह घातक सिद्ध नहीं हो रहा। टैस्ट करवाने पर स्वाइन फ्लू नैगेटिव आ रहा है। कुछेक विशेषज्ञों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के वायरल में बदलाव की बात तो पहले ही सामने आ चुकी है। क्या इस तरह के वायरल का स्वाइन फ्लू के वायरल से कोई संबंध है, यह जांच का विषय है।
सेहत विभाग कुंभकर्णी नींद में
शहर में एक ओर लोग इस नए वायरल से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर सेहत विभाग ने इस महामारी पर किसी प्रकार का नोटिस नहीं लिया है तथा न ही किसी प्रकार की जांच शुरू की है। मरीज वैंटीलेटर के अभाव में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भागते नजर आ रहे हैं।
कल जारी होगा अलर्ट
आई.डी.एस.पी. के प्रोग्राम अफसर डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कल अलर्ट जारी करके वायरल बुखार के मामलों की जांच करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिन शहरों में ऐसे मामले सामने आने का पता चलेगा, वहां सिविल सर्जन को टीम बनाकर अस्पताल का दौरा करवाने को कहा जाएगा।
ये हैं लक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण अधिकतर मरीजों में सामने आ रहे हैं। ऐसे मरीजों के लिए वैंटीलेटर व ऑक्सीजन सुविधा की कमी हो गई है।