चड्ढा के शक्ति प्रदर्शन पर वरिष्ठ सदस्यों ने लिया कड़ा नोटिस, पंथ से निष्कासित करने की मांग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 09:59 AM

demanding to expel chadha from the panth

चीफ खालसा दीवान के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा द्वारा गत दिवस सैंट्रल यतीमखाना में किए गए शक्ति प्रदर्शन का कड़ा नोटिस लेते हुए चीफ खालसा दीवान के वरिष्ठ सदस्यों ने श्री अकाल साहिब के जत्थेदार से मांग की है कि चड्ढा को लंगाह की तरह तुरंत पंथ से...

अमृतसर(ममता): चीफ खालसा दीवान के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा द्वारा गत दिवस सैंट्रल यतीमखाना में किए गए शक्ति प्रदर्शन का कड़ा नोटिस लेते हुए चीफ खालसा दीवान के वरिष्ठ सदस्यों ने श्री अकाल साहिब के जत्थेदार से मांग की है कि चड्ढा को लंगाह की तरह तुरंत पंथ से निष्कासित करें। 

इस संबंध में आज चीफ खालसा दीवान के पूर्व माननीय सचिव भाग सिंह अणखी के निवास पर आयोजित बैठक में राज महेन्द्र  सिंह मजीठा, सविन्द्र सिंह कत्थूनंगल, अजायब सिंह अभ्यासी, निर्मल सिंह सहित समूह पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में यह भी चेतावनी दी गई कि अगर जत्थेदार ने कोई कार्रवाई न कि तो उन्हें विद्यार्थियों और सिख संगत के विरोध का सामना करना पड़ेगा। 

चड्ढा की घिनौनी हरकत अक्षम्य अपराध : अणखी    
बैठक के उपरांत पत्रकारों से भाग सिंह अणखी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की ओर से चड्ढा के मामले में अभी तक कोई फैसला न लिए जाने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि सिख रहत मर्यादा के अनुसार एक प्रमुख धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष द्वारा इतनी घिनौनी हरकत जहां पूरे पंथ के लिए शर्मनाक है वहीं अक्षम्य अपराध भी है। ऐसे में अकाल तख्त के जत्थेदार को बिना पुलिस या सरकार के निर्णय का इंतजार किए पंथ का प्रमुख होने के नाते इस संबंध में तुरंत फैसला लेना चाहिए था।

इस संबंध में वह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से पहले भी अपील कर चुके हैं और एक बार वह फिर उनसे मिलकर अपील करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चड्ढा को पंथ से निष्कासित नहीं किया गया तो समूह सदस्य अपने स्तर पर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों और सिख संगत को इकट्ठा कर बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन करेंगे व धरने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चड्ढा अभी भी स्वयं को सी.के.डी. का अध्यक्ष मानते हैं। इसी कारण ही उन्होंने गत दिवस अरदास की आड़ में यतीमखाने पहुंच कर बैठक की, जिसमें उनके चहेते पदाधिकारी शामिल हुए। 

उन्होंने कहा कि बैठक में चड्ढा द्वारा स्वयं को कैसे प्रधान पद पर रखना है, इसके लिए विचार चर्चा हुई और गुरुद्वारे वाली पार्क में ही मेज-कुॢसयां लगाकर प्राइवेट बैठक करके श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का पूरी तरह से उल्लंघन भी किया गया। चड्ढा का गुनाह कोई छोटा-मोटा अपराध नहीं है और न ही यह बच्चे या युवक द्वारा की गई गलती है। ऐसे में उनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब को तुरंत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। 

सिख रहत मर्यादा का घोर उल्लंघन : अभ्यासी
अजायब सिंह अभ्यासी ने पत्रकारों से कहा कि सिख रहत मर्यादा अमृतधारी सिख पर लागू होती है। अगर यह किसी सिख का व्यक्तिगत मामला हो तो वह पांच प्यारों के सामने अपने स्तर पर पेश होकर अपना अपराध क्षमा करवा सकता है, लेकिन चड्ढा जो सर्वोच्च शैक्षणिक संस्था के प्रमुख के पद पर थे, पर यह लागू नहीं होता। उन्होंने अपने पद पर रहकर पंथ के सिद्धांतों और सिख रहत मर्यादा का उल्लंघन किया है। ऐसे में इसे बड़ी गंभीरता से लिया जाना चाहिए। 

लुधियाना सी.के.डी. ने भी की निष्कासन की मांग
इसी तरह सी.के.डी. के अंतर्गत लुधियाना में चल रहे शिक्षा संस्थान में भी स्थानीय कमेटी की बैठक अमरजीत सिंह बांगा अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई। इसमें श्री अकाल तख्त साहिब को पत्र भेजकर चरणजीत सिंह चड्ढा को शीघ्र पंथ से निष्कासित करने और पीड़ित प्रिं. रविन्द्र कौर को कानूनी एवं वित्तीय सहायता देने की मांग की। बैठक में अवतार सिंह, हरि सिंह, अजीत सिंह बमरा, जसपाल सिंह, जोगिन्द्र सिंह, जतिन्द्र सिंह भाटिया, जसपाल सिंह ढिल्लों आदि उपस्थित थे।

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