Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 11:24 AM
वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए माननीय अदालतों व नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा कई यत्न किए जा रहे हैं। गत दिनों माननीय अदालत द्वारा विशेष आदेश जारी किए गए हैं। समय-समय पर किसानों को धान व गेहूं के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए कई सैमीनार लगाए...
संगरूर (विवेक सिंधवानी,गोयल): वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए माननीय अदालतों व नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा कई यत्न किए जा रहे हैं। गत दिनों माननीय अदालत द्वारा विशेष आदेश जारी किए गए हैं। समय-समय पर किसानों को धान व गेहूं के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए कई सैमीनार लगाए जाते हैं। इस संबंधी कई सख्त कानून भी बनाए गए हैं परंतु किसानों की मजबूरी यह है कि फसल काटने के बाद वे बचते अवशेष को किसी भी ढंग से समेटने में असमर्थ हैं।
किसान मांग रहे हैं 2000 रुपए प्रति एकड़
जब आज पंजाब केसरी की टीम ने संगरूर-उभावाल रोड का दौरा किया तो किसानों द्वारा पराली को आग लगाई जा रही थी। किसानों द्वारा सरकार व प्रशासन को इसका हल करने के लिए मशीनरी या फिर समेटने के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ देने के लिए कहा गया है। दीवाली के बाद एन.जी.टी. ने बताया था कि पटाखे चलाने से फैले धुएं के प्रदूषण से दिल्ली में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है, वहीं अब किसानों द्वारा पराली को लगाई जा रही आग से जहां वातावरण दूषित हो रहा है, यह कई बीमारियों को जन्म दे रहा है।