32 अवैध बिल्डिंगें की जांच करने नगर निगम पंहुची विजिलैंस की टीम(Video)

Edited By Anjna,Updated: 02 Jul, 2018 05:22 PM

लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की सख्ती के बाद अब स्टेट विजीलैंस ने भी जालंधर में बनी अवैध बिल्डिंगों के मामले में जांच शुरू कर दी है। स्टेट विजीलैंस के जालंधर यूनिट की एक टीम ने आज अवैध निर्माणों के मामले में जालंधर निगम पर छापेमारी की। इस...

जालंधर (खुराना, सोनू): लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की सख्ती के बाद अब स्टेट विजीलैंस ने भी जालंधर में बनी अवैध बिल्डिंगों के मामले में जांच शुरू कर दी है। स्टेट विजीलैंस के जालंधर यूनिट की एक टीम ने आज अवैध निर्माणों के मामले में जालंधर निगम पर छापेमारी की। इस छापेमारी में दर्जनभर से ज्यादा विजीलैंस अधिकारी शामिल थे, जिनका नेतृत्व डी.एस.पी. विजीलैंस सतपाल द्वारा किया जा रहा था। यह टीम पूरा दिन निगम परिसर में डटी रही, जिसने ज्वाइंट कमिश्नर डा. शिखा भगत के कार्यालय में बैठकर संबंधित रिकार्ड की जांच की। 

विजीलैंस द्वारा निगम अधिकारियों पर कड़ा एक्शन सम्भावित 
नवजोत सिद्धू ने जालंधर निगम की एक दिन छापेमारी करके अवैध निर्माणों से जुड़े निगम के 9 बड़े अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया था परंतु अब अवैध बिल्डिंगों की विजीलैंस जांच शुरू हो जाने के बाद स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में बिल्डिंग विभाग के अधिकारी विजीलैंस के निशाने पर हैं और निगम अधिकारियों पर कड़ा एक्शन भी सम्भावित है।

सूत्र बताते हैं कि विजीलैंस द्वारा आने वाले समय में अवैध बिल्डिंगों की जांच करते समय जहां रिकार्ड देखकर अधिकारियों की लापरवाही को उठाया जाएगा, वहीं बिल्डिंग मालिकों के बयान भी कलमबद्ध किए जाएंगे ताकि लेन-देन का भी कोई केस हो तो सामने आ सके। कहा तो यहां तक जा रहा है कि विजीलैंस बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों की आय और सम्पत्ति का ब्यौरा भी जुटा सकती है और इस आधार पर भी अधिकारियों पर एक्शन हो सकता है।

महीनों पहले शुरू हुई थी जांच 
माना जा रहा है कि विजीलैंस की इस कार्रवाई का नवजोत सिद्धू द्वारा की गई छापेमारी से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि स्टेट विजीलैंस ने महीनों पहले जालंधर में बन रही अवैध बिल्डिंगों की जांच का काम शुरू कर दिया था। पहले चरण में आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की शिकायत पर विजीलैंस ने 31 अवैध बिल्डिंगों की जांच शुरू की थी, परंतु बाद में इसी जांच में 66 और बिल्डिंगों को जोड़ दिया गया। इस प्रकार अब शहर की 97 बिल्डिंगें विजीलैंस जांच के दायरे में आ गई है। आज निगम पहुंची टीमों ने इसी सूची के आधार पर निगम का रिकार्ड जांचा और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ भी की। विजीलैंस टीम द्वारा कुछ मौके देखे जाने की भी सूचना है।

निगम टीमों ने भी जांच शुरू की 
निगम कमिश्नर ने 93 अवैध बिल्डिंगों की जांच का जिम्मा दोनों एस.ई. किशोर बांसल तथा अश्विनी चौधरी को सौंप रखा है। दोनों ने आगे अपने-अपने अधिकारियों को अवैध बिल्डिंगों की जांच करने आज फील्ड में भेजा। निगम टीमों को यह मुश्किल आ रही है कि उनके पास संबंधित बिल्डिंगों की फाइल मौजूद नहीं है। बिल्डिंग विभाग का ज्यादातर स्टाफ सस्पैंड है और आज निगम में विजीलैंस की छापेमारी के कारण बाकी बचता स्टाफ भी उन्हीं के हवाले रहा। इस कारण निगम टीमें रिपोर्ट तैयार करने में ज्यादा वक्त मांग सकती हैं। 

कुछ आर्किटैक्ट भी स्कैंडल में शामिल 
विजीलैंस पास जो शिकायत है उसके तहत माना जा रहा है कि शहर  के कुछ आर्किटैक्ट भी अवैध बिल्डिंगों के स्कैंडल में शामिल हैं, इसलिए विजीलैंस आने वाले समय में बिल्डिंग मालिकों, निगम अधिकारियों, राजनेताओं तथा आर्किटैक्ट्स का नैटवर्क ब्रेक कर सकती है। आरोप है कि कई आर्किटैक्ट अवैध बिल्डिंग बनाने का सरेआम कांट्रैक्ट कर रहे हैं और कांट्रैक्ट करते समय खुलेआम रिश्वत में दिए जाने वाले पैसों की मांग करते हैं। संदिग्ध आर्किटैक्टों की ढेरों फाइलें निगम रिकार्ड में जमा हैं, जिनका नक्शा कुछ पास है परंतु मौके पर बिल्डिंग कुछ और बनी हुई है। कुछ आर्किटैक्टों की फाइलों को फटाफट निकालना भी संदेह उत्पन्न कर रहा है, इसलिए इस सारे खेल में आर्किटैक्टों की भूमिका की भी जांच होने जा रही है।

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