रेत खनन के आरोपों से घिरे राणा गुरजीत को नहीं मिला ए.आई.सी.सी. में स्थान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 11:08 AM

sand mining case

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी ने नई ए.आई.सी.सी. मैंबरों की लिस्ट जारी की है। इसमें पंजाब से 45 नेताओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा 11 को-आपटेड मैंबर और 5 सांसदों को एक्स-ओफिसियो मैंबर बनाया...

जालंधर (रविंदर): ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी ने नई ए.आई.सी.सी. मैंबरों की लिस्ट जारी की है। इसमें पंजाब से 45 नेताओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा 11 को-आपटेड मैंबर और 5 सांसदों को एक्स-ओफिसियो मैंबर बनाया गया है। कैप्टन सरकार की कैबिनेट में शामिल 7 मंत्रियों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। मगर रेत खनन बोली के आरोपों से घिरे पार्टी के सीनियर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को इस लिस्ट से दूर रखा गया है। इसके अलावा कैप्टन सरकार के एक अन्य मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को भी इस लिस्ट में जगह नहीं मिल सकी है।

राणा गुरजीत सिंह की रेत खनन मामले में न केवल कैबिनेट मंत्री की कुर्सी जा चुकी है, बल्कि उसे अब पार्टी प्रोग्रामों से भी लगातार दूर रखा जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि जालंधर जिले को ए.आई.सी.सी. लिस्ट में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। लिस्ट में शामिल 45 नेताओं में से जालंधर से एकमात्र नेता तजिन्द्र बिट्टू को ही ए.आई.सी.सी. मैंबर नियुक्त किया है जबकि नार्थ हलके के विधायक बावा हैनरी को को-आपटेड मैंबर लिया गया है। जालंधर से बेहद छोटे जिले होशियारपुर व संगरूर से 5-5 नेताओं को इस लिस्ट में स्थान मिला है। होशियारपुर से अमरप्रीत सिंह लाली, संगत सिंह गिलजियां, संतोष चौधरी, बलबीर सोढी और राजकुमार चब्बेवाल पर भरोसा जताया गया है जबकि संगरूर से विजयइंद्र सिंगला, रजिया सुल्ताना, केवल सिंह ढिल्लों, हरचंद कौर और राजिन्द्र कौर भट्ठल को शामिल किया गया है। अन्य सभी जिलों से भी 3 से लेकर 4 नेताओं को इस लिस्ट में जगह मिली है, मगर जालंधर के अन्य विधायकों व बड़े नेताओं पर पार्टी हाईकमान ने भरोसा नहीं जताया है।  

युवाओं पर कम और बुजुर्गों पर भरोसा ज्यादा
पार्टी हाईकमान एक तरफ 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है और युवाओं को लुभाने के लिए कई तरह के प्रोग्रामों को बनाया जा रहा है। यहां तक कि राष्ट्रीय अधिवेशन में यूथ वोटर को किस तरह से पार्टी के पक्ष में लाया जाए पर गहन विचार-विमर्श चल रहा है। मगर जब ए.आई.सी.सी. मैंबर बनाने की बात आई तो युवाओं की बजाय पार्टी ने बुजुर्गों पर भरोसा ’यादा जताया। इस लिस्ट में 40 साल से कम उम्र के सिर्फ 4 नेताओं को स्थान मिल पाया जबकि 40 से 50 साल की उम्र के 9 नेता और 50 साल से ज्यादा उम्र के 32 नेताओं को लिस्ट में शामिल किया गया है। लिस्ट में सबसे ज्यादा उम्रदराज अंबिका सोनी, इसके बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह, लाल सिंह, परनीत कौर, संतोष चौधरी, राजिंद्र कौर भट्ठल और तृप्त राजिंद्र बाजवा का नाम है जबकि यूथ नेताओं में सिर्फ अमरप्रीत सिंह लाली, राजा वङ्क्षडग़, परप्रीत कौर, सुखविंद्र डैनी को ही स्थान मिल पाया है। 

को-आपटेड मैंबर में युवा नेता शामिल 
को-आपटेड मैंबरों में युवा नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई है। इसमें अमित विज, बरिंद्रमीत सिंह, सुखपाल भुल्लर, बावा हैनरी, अंगद सैनी, कुलबीर सिंह जीरा, सतकार कौर, दविन्द्र सिंह घुबाया, दलबीर सिंह गोल्डी, बरिन्द्र सिंह ढिल्लों और खुशबाज सिंह जटाना को शामिल किया गया है। इन सभी की उम्र 30 से 40 साल के बीच है। 

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