Edited By Updated: 13 May, 2016 06:39 PM
मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को जालंधर के बस्ती नौ के देवी सहाय स्कूल के राहुल ने साबित कर दिखाया है।
जालंधर(भारती शर्मा): मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को जालंधर के बस्ती नौ के देवी सहाय स्कूल के राहुल ने साबित कर दिखाया है।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा में जिले में चौथे स्थान पर रहने वाले राहुल के पिता मजदूरी करते हैं। उनके आर्थिक हालात इतने अच्छे नहीं हंै कि वो अपने बच्चों को महंगी कोचिंग दिलवा सकें लेकिन राहुल ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी नॉन मैडीकल स्ट्रीम में 97.1 प्रतिशत अंक हासिल करके अपने पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
राहुल अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ बुक शॉप पर पार्ट टाइम जॉब भी करता है। स्कूल की छुट्टी के बाद वह काम पर चला जाता था और रात को बैठ कर पढ़ाई करता था। राहुल का कहना है कि कभी -कभी बाकी बच्चों की तरह मेरा भी थियेटर में जाकर फिल्मेंं देखने का मन करता था लेकिन नहीं जा पाता था। मैनें सोच लिया था कि पिता के सपने को पूरा करने के लिए मन लगाकर पढ़ाई करूंगा ताकि घर के हालात बदल सकू। राहुल अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और टीचर्स को देता हैं।
अपना सपना पूरा करने चला आटो चालक का बेटा
पीएसईबी की बारहवीं की परीक्षा में जिले में 97.11 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे स्थान पर महेश रहा। आटोचालक के बेटे महेश का सपना मैकेनिकल इंजीनियर बनने का है। इसके लिए उसने जेईटी का पेपर दिया लेकिन क्लीयर नहीं कर पाया। अब महेश को विश्वास है कि अच्छे अंकों के कारण उसे एनआईटी, जालंधर में एडमिशन मिल जाएगी। अपनी सफलता के बारे में महेश कहता है कि उसने खुद के लिए पढ़ाई करनी है और पढ़ाई करके ही वे अपने मैकेनिकल इंजीनियर बनने के सपने को पूरा कर सकता है।