Edited By Updated: 05 Feb, 2016 09:37 PM
पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमला करने वाले आतंकियों के मारे जाने के बाद मैडीकल टीमों ने जब आतंकियों के कब्जे...
जालंधर(धवन): पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमला करने वाले आतंकियों के मारे जाने के बाद मैडीकल टीमों ने जब आतंकियों के कब्जे वाले सामान की चैकिंग की तो उनके पास से मुर्गे की हड्डियां बरामद हुई थीं।
मैडीकल विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकियों ने नॉनवैज खाने के बाद मुर्गे की हड्डियों को पैकेट में लपेट कर अपने बैग में रख लिया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि आतंकियों ने यह सोचा था कि सुरक्षा बलों का उनका आप्रेशन लंबा खींचेगा। ऐसी स्थिति में भूख मिटाने के लिए वे मुर्गे की हड्डियों को चूस सकते हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञ भी यही बात कह रहे हैं कि आतंकियों ने मुर्गे की हड्डियों को इसीलिए संभाल कर रखा था ताकि जरूरत पडऩे पर इन हड्डियों को चूस कर वह अपनी भूख मिटा सकें। अगर उनके मन में यह मंशा न होती तो फिर नॉनवैज खाने के बाद वह इन हड्डियों को फैंक देते। इन हड्डियों को पैकेट में संभाल कर बैग में रखने की क्या जरूरत पड़ गई थी।
बैग में खाने-पीने का ज्यादा सामान तो नहीं मिला परंतु मुर्गे की हड्डियां प्रत्येक आतंकी के बैग में अवश्य थीं। हड्डियों से मांस तो वे पहले ही खा चुके थे। हड्डियां बरामद होने से आतंकियों की सुरक्षा बलों से लडऩे की सुनियोजित योजना का भी पर्दाफाश होता है क्योंकि चाहते थे कि सुरक्षा बलों के साथ उनका मुकाबला जल्दी खत्म नहीं होगा।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि आतंकियों ने जो बूट पहने हुए थे या उनसे दस्ताने मिले हैं वह अच्छी क्वालिटी वाले थे। आमतौर पर इस तरह की सामग्री का प्रयोग कमांडोज द्वारा किया जाता है। इसलिए आतंकी हमला करने से पहले पूरी तैयारी के साथ आए थे। आतंकियों से बरामद सारा सामान राष्ट्रीय जांच एजैंसी व अन्य एजैंसियों के पास है। इनकी समय-समय पर बारीकी से जांच होगी तथा आतंकियों की मनोस्थिति का पता लगाने की चेष्ठा होगी।