Edited By Anjna,Updated: 23 Apr, 2018 08:29 AM
इकहरी पुली रेलवे लाइनों के पास झाडिय़ों में एक 45 वर्षीय महिला बेहोशी की हालत में मिली। पास ही बीयर की खाली बोतलें भी पड़ी थीं। लोगों ने यह देखकर 108 की एम्बुलैंस के साथ ही पुलिस को भी सूचित किया। मौके पर पहुंची 108 की एम्बुलैंस द्वारा महिला को तुरंत...
जालंधर(शौरी): इकहरी पुली रेलवे लाइनों के पास झाडिय़ों में एक 45 वर्षीय महिला बेहोशी की हालत में मिली। महिला के पास बीयर की खाली बोतलें भी पड़ी थीं। लोगों ने यह देखकर 108 की एम्बुलैंस के साथ ही पुलिस को भी सूचित किया। मौके पर पहुंची 108 की एम्बुलैंस द्वारा महिला को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने भी आकर जांच शुरू की।
सिविल अस्पताल में महिला का डाक्टरों ने उपचार किया। महिला को देर शाम तक होश नहीं आया था। डा. जसविंद्र कौर का कहना था कि महिला के मुंह से शराब की बूदबू आ रही थी, उसके शरीर पर कोई निशान नहीं पाया गया लेकिन उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला के स्वैप का सैम्पल लेकर रख लिया है, कल को पुलिस वाले सैम्पल मांगेंगे तो वह उन्हें देकर स्वैप खरड़ लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजेगी जिससे पता चल सके कि महिला के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं?
जी.आर.पी. की लापरवाही के चलते महिला हुई गायब
डा. सुरिंद्रपाल ने महिला का उपचार शुरू करवाकर उसे एमरजैंसी वार्ड में रखा ताकि होश में आने के बाद महिला को शिफ्ट किया जा सके। जी.आर.पी. की पुलिस महिला के बयान लेने अस्पताल पहुंची लेकिन महिला अनफिट होने के कारण बयान नहीं दे सकी और पुलिस वाले अपनी ड्यूटी निभाकर चले गए। दोपहर 2 बजे के बाद डा. भूपिंद्र कौर एमरजैंसी वार्ड में ड्यूटी देने पहुंची। उस दौरान भी महिला को होश न आया। लेकिन शाम करीब 5 बजे के बाद अचानक महिला बैड से गायब थी।
स्टाफ ने ढूंढा परंतु महिला कहीं नहीं मिली। अब सोचने वाली बात है कि क्या जी.आर.पी. कर्मियों का फर्ज नहीं बनता था कि ऐसे संगीन मामले में महिला की सुरक्षा हेतु कोई महिला पुलिस कर्मी को वहां ठहराया जाता। शायद जी.आर.पी. की पुलिस प्रवासी लोगों को इंसान नहीं समझती क्योंकि महिला वेशभूषा से प्रवासी प्रतीत हो रही थी। महिला के साथ वाले बैड पर उपचाराधीन मरीजों की मानें तो महिला कह रही थी कि उसे हवस का शिकार बनाया गया है।
साडे कोल 2 ही कुडिय़ां ने, एक कोर्स ते गई ते दूजी छुट्टी ते
वहीं इस बाबत जी.आर.पी. में तैनात ए.एस.आई. नाजर सिंह से बात की गई कि क्या पुलिस की ड्यूटी नहीं थी कि महिला के होश में आने व बयान दर्ज होने तक कोई महिला कर्मी की ड्यूटी उसकी सुरक्षा के लिए लगाई जाए तो ए.एस.आई. साहिब का कहना था कि साडे कोल 2 ही कुडिय़ां ने, एक कोर्स ते गई ते दूजी छुट्टी ते।
अब सोचने वाली बात है कि जी.आर.पी. थाने में मात्र 2 महिला कर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं और दोनों की गैरहाजिरी में किसी अन्य महिला कर्मी की ड्यूटी ही नहीं लगाई गई जैसे कि जी.आर.पी. पुलिस को पूरा यकीन था कि उनके इलाके में किसी महिला के साथ अत्याचार तब तक नहीं होगा जब तक कि दोनों महिला पुलिस कर्मी ड्यूटी पर वापस न आ जाएं।