कभी मजबूरी में स्टेज शो करने वाले बलराज स्याल बन गए स्टैंडअप कामेडी की शान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 09:52 AM

comedian balraj syal

जनाब राहत इंदौरी साहब ने क्या खूब कहा है कि ‘‘रख हौसला, वो मंकार भी आएगा प्यासे के पास चल के समंदर भी आएगा, थक कर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा’’।

जालंधरअनिल पाहवा): जनाब राहत इंदौरी साहब ने क्या खूब कहा है कि ‘‘रख हौसला, वो मंकार भी आएगा प्यासे के पास चल के समंदर भी आएगा, थक कर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा’’। 

कुछ ऐसे ही हौसले के साथ जालंधर के एक छोटे से घर से बलराज स्याल (बल्ली) सफर पर निकला था। कई उतार-चढ़ावों के बाद आखिर उसको मंजिल दिखी तथा उसने उस तरफ अपने कदम बढ़ा दिए। आज वो मंजर आ चुका है जब बलराज स्याल या बल्ली के नाम पर लोग न केवल उन्हें पहचानने लगे हैं बल्कि उनकी स्टैंडअप कामेडी के कायल भी होने लगे हैं।

लोग अब उन्हें सुनना चाहते हैं फिर चाहे वह लाइव हो या फिर ‘एंटरटेनमैंट की रात’ जैसे कार्यक्रम। आज बलराज ‘एंटरटेनमैंट की रात’ के कपिल शर्मा के नाम से भी पुकारे जाते हैं। कभी मजबूरी में स्टेज करने वाले बलराज आज स्टैंडअप कामेडी की शान बन गए हैं। उनकी इस सफलता की कहानी बहुत लम्बी है। इस संबंध में उनसे बात की गई। 

बातचीत के अंश

प्र. : बल्ली से बलराज स्याल तक का सफर कैसे शुरू हुआ?
उ. :
यह बहुत लम्बी कहानी है। मेरी उम्र बहुत छोटी थी जब मेरे माता-पिता का निधन हो गया लेकिन मेरे चाचा व चाची ने मुझे और मेरी दोनों बहनों को पाला व स्कूल में पढ़ाया। उसके बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी और चाचा के सहयोग के लिए कभी-कभी टिफिन लेकर घर से काम की तलाश में निकला। कभी इनवर्टर बेचे, कभी दवाएं बेचीं और कभी जनरल स्टोर पर नौकरी की। 

प्र. : तो फिर बल्ली ने बलराज स्याल की राह कैसे पकड़ी? 
उ. : यह एक इत्तेफाक था कि मैंने पढ़ाई की फीस माफ करवाने के लिए यह राह पकड़ी थी। मेरे मित्र रवीश अबरोल व उनकी माता प्रवीण अबरोल ने मुझे दोबारा पढ़ाने के लिए मेरी मदद की लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मैं बोझ बनूं। यही कारण था कि मैंने कालेज में पढऩे के दौरान यूथ फैस्टीवल में भाग लेना शुरू कर दिया जिसके कारण मेरी फीस माफ होनी शुरू हो गई। उसके बाद मुझे ए.पी.जे. कालेज से स्कॉलरशिप के साथ पढ़ाई की ऑफर आई तो मैंने वह ज्वाइन कर लिया। उसके बाद लगातार पढ़ाई के साथ यूथ फैस्टीवल में परफार्मैंस का क्रम चलता रहा। 

प्र. : जब करियर का आगाका किया तो क्या सोच थी? 
उ. :
कालेज में पढ़ते-पढ़ते यूथ फैस्टीवल किए जरूर पर तब सोच थी कि आई.पी.एस. की पढ़ाई कर बड़े अफसर बन कर बैठेंगे लेकिन इस सपने के आड़े फिर आॢथक तंगी आ गई, यह सब किस्मत में नहीं था शायद। कालेज में पढ़ते-पढ़ते पंजाबी चैनल से काल आ गई जहां मैंने 3 वर्ष तक काम किया जिससे मेरा गुजारा भी चल पड़ा। इस बीच मुम्बई से कॉल आई तथा मैं वहां एक शो में भाग लेने गया। उक्त शो में मुझे बैस्ट स्टैंड अप कामेडियन का अवार्ड मिला। 2011 में ‘कामेडी का महामुकाबला’ शो हुआ जिसमें मैं जीत गया। बस उस जीत के बाद मैंने वापस आना ठीक नहीं समझा तथा मैं वहीं रहा। मुझे लगा कि मुम्बई मुझे बार-बार बुला रहा है तो क्यों न यहीं पर सैटल हुआ जाए। जो शो जीता था उससे मिले पैसे भी खत्म हो गए और जो उससे कार इत्यादि खरीदी थी वह भी बिक गई। एक बार फिर तंगी की हालत आ गई। कारण था कि शो तो जीत लिया लेकिन पता नहीं था कि आगे काम कैसे लेना है या कहां से मिलना है। इस बीच एक लेखक के साथ काम किया तथा उन्हें स्क्रिप्ट लिख कर दी या कभी कोई छोटा काम मिल गया जिससे गुजारा चलता रहा। लेकिन सोचा था कि वापस पंजाब नहीं जाना क्योंकि पता था कि पीछे जाना मतलब फेल होना है।  

प्र. : फिर रास्ता कैसे खुला? 
उ. : धीरे-धीरे लोगों से मिलना शुरू किया जिसके बाद रास्ता खुलता गया। इसके बाद कामेडी सर्कस, कामेडी क्लासेज, कॉमेडी क्लासेज बचाओ, कामेडी दंगल जैसे शो आए जिनमें मैंने एक परफार्मर के रूप में भाग लिया। यह सब कुछ हुआ लेकिन अंदर से एक असंतुष्टि सी थी। 

प्र. : स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर कितने कामयाब रहे?
उ. : जब काम नहीं मिलता था तो मैंने शौक के तौर पर लिखना शुरू किया। जो लोगों को पसंद आने लगा। यहां तक कि कामेडियन कपिल शर्मा के शो ‘कामेडी नाइट्स विद कपिल’ के लिए भी शुरू में मैंने स्क्रिप्ट लिखे हैं। उनके साथ मेरा बेहद प्यार है तथा मैं उनके साथ एक ही फ्लैट में रहा भी हूं। लेकिन मेरी कोशिश थी कि मैं वही लिखूं जिसमें मैं खुद परफार्म कर पाऊं। इस बीच मेरा कॉमेडी सर्कस साइन हो गया जिसके कारण मुझे राइटिंग बंद करनी पड़ी। वैसे मैंने स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर 5 फिल्मों में काम किया है। अमृतसरिया, कप्तान, जिंदुआ, सरदार जी-वन के डायलाग लिखे तथा फिल्म फेयर में बैस्ट डायलाग के लिए नामीनेट भी हुआ था। 

प्र. : ‘एंटरटेनमैंट की रात’ की जान कैसे बन गए बलराज?
उ. : चैनल की डिमांड थी कि नया चेहरा लाया जाए जो मार्कीट में पहले न हो। मेरा नाम आया तो डायरैक्टर ने कहा कि बलराज चेहरा बेशक नया नहीं है लेकिन यह नाम अभी खर्च नहीं हुआ है। मुझे लेकर जब काम शुरू किया गया तो शुरू में चैनल ने ‘एंटरटेनमैंट की रात’ के दौरान टी.आर.पी. देखनी शुरू की। काफी बार मेरे काम को देखा गया। उसके बाद मुझे चैनल की तरफ से पूरा सहयोग किया गया। 5 बार मुझे बिग बॉस में भेजा गया। शो की प्रोमोशन, सलमान खान की इंटरव्यू से लेकर घर के अंदर तक भेजा गया। चैनल पर अब मुझे ‘एंटरटेनमैंट की रात’ के कपिल के तौर पर बुलाया जाता है लेकिन मुझे पता है कि यह तो अभी आगाका है। कपिल तो आज दुनिया में प्रमुख कामेडियंस में नाम रखते हैं। 

प्र. : आगे की क्या योजना है? 
उ. : अभी तक तो ‘एंटरटेनमैंट की रात’ चल रहा है जो जल्द समाप्त होगा तथा सीजन-2 कुछ देर बाद आएगा। अभी कोई नया शो साइन नहीं किया। कुछ फिल्मों से ऑफर आई है लेकिन अभी तक किसी के साथ साइन नहीं किया है। मेरी योजना है कि मैं पंजाब तथा अन्य शहरों में स्टैंडअप कामेडियन के तौर पर शो करूं।  

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