Edited By Updated: 05 Oct, 2015 10:00 AM
‘जाको राखे साइयां मार सके न कोय’ वाली प्रमाणिकता उस समय सिद्ध हुई जब हेमंत मेहता के फार्म हाऊस में बने 35
हरियाना (आनंद) : ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोय’ वाली प्रमाणिकता उस समय सिद्ध हुई जब हेमंत मेहता के फार्म हाऊस में बने 35 फुट गहरे सूखे कुएं में करीब 1 महीना पहले गिरी बिल्ली को जीवित निकाल लिया गया।
हेमंत मेहता ने बताया कि विगत दिनों फार्म हाऊस में स्थित एक सूखे कुएं में घूमती-फिरती बिल्ली गिर गई। कुछ दिन बाद जब फार्म हाऊस गए तो बिल्ली के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो हमने उसे किसी ढंग से निकालने का प्रयास किया लेकिन बिल्ली को निकालने में असफलता हासिल हुई तो फिर हमने उसे जीवित ही रखने हेतु कुएं में उसके खाने-पीने हेतु मीट, रोटी, दूध और पानी आदि पहुंचाना शुरू किया।
सोसायटी फार प्रीवैंशन आफ क्रुएल्टी टूवाईज एनीमल्ज के कार्यकारिणी सदस्य पंकज मेहता ने वन विभाग के फारैस्ट आफिसर राम दास से संपर्क स्थापित किया तो उन्होंने फारैस्ट गार्ड चरणजीत सिंह सहित परमजीत सिंह तथा ठाकुर परमजीत बेलदार को वहां भेजा जिन्होंने बड़े परिश्रम व मुशक्कत से मेहता परिवार की उपस्थिति में कुएं में पिंजरा डाल कर बिल्ली को बाहर निकाल उसे नया जीवन दिया। उसे पकड़ कर बाद में जंगल में छोड़ दिया।