Edited By Updated: 22 Jan, 2016 11:02 AM
पठानकोट अातंकी हमले के बाद नई-नई बातें सामने अा रही हैं।
नई दिल्लीः पठानकोट अातंकी हमले के बाद नई-नई बातें सामने अा रही हैं। हमले के बाद जब एनएसजी की टीम मोर्चा संभालने पहुंची तो उसे आतंकियों की पोजीशन के बारे में पता नहीं था। टीम का पहला टारगेट एयरफोर्स के जेट फाइटर्स और बाकी कीमती चीजों को बचाना था।
आरसी. तायल के मुताबिक, एनएसजी ने मुंबई में हुए 26/11 अटैक की तुलना में यहां काफी जल्दी एक्शन लिया। डीजी के मुताबिक, “टॉप लेवल पर फौरन लिए गए फैसले की वजह से एयर फोर्स के कीमती फाइटर जेट्स और बाकी चीजों को बचाया जा सका।”
वहीं अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में तायल ने कहा, “कमांड कंट्रोल को लेकर आर्मी, एयर फोर्स और एनएसजी के बीच कोई दिक्कत नहीं थी।” “एक जनवरी की शाम 6 बजे हमें अलर्ट किया गया। 7 बजे तय हो गया कि एनएसजी ही यह ऑपरेशन संभालेगी। रात 10.15 बजे टीम एयरबेस के अंदर पहुंच गई थी।”
लेकिन कुछ दिक्कत भी थी। अखबार ने एनएसजी के एक सूत्र के हवाले से कहा है कि सिक्युरिटी एजैंसियों ने एनएसजी टीम को जो जानकारी दी थी उसमें केवल यह कहा गया था कि पठानकोट में आतंकी हमला हुआ है।
इस सूत्र के मुताबिक, एनएसजी को टारगेट के बारे में सही जानकारी नहीं थी। टीम बाहर से ही मोर्चा संभालने की तैयारी कर रही थी। बाद में उसे पता लगा कि चार आतंकी एयरबेस के अंदर ही मौजूद हैं।
एनएसजी टीम में 300 कमांडो थे। इन्हें दिल्ली से भेजा गया था। इनकी तीन टीमें बनाईं गईं थीं। जब यह पता लगा कि आतंकी एयरबेस के अंदर हमले कर रहे हैं तब दो टीमों को अंदर भेजा गया जबकि एक टीम बाहर मौजूद थी। एयरबेस के अंदर मौजूद दो में से एक टीम ने एयर फोर्स के ‘एसेट्स’ को संभाला जबकि दूसरी ने वहां रहने वाली फैमिली और बाकी लोगों को सिक्युरिटी कवर दिया। तायल ने ऑपरेशन को पूरी तरह कामयाब बताया है।