पंजाब में कैंसर का दैत्य निगल गया हजारों जिंदगियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 11:39 AM

the cancer of the cancer has swallowed thousands of lives in punjab

गंदे पानी और खाने-पीने वालों चीजों में मिलावट के कारण कैंसर के दैत्य ने समूचे पंजाब को ही निगल लिया है। गत 15 सालों में हजारों लोग जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, उक्त बीमारी से पीड़ित होकर ईश्वर को प्यारे हो गए हैं और अनेक लोग इस बीमारी से...

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): गंदे पानी और खाने-पीने वालों चीजों में मिलावट के कारण कैंसर के दैत्य ने समूचे पंजाब को ही निगल लिया है। गत 15 सालों में हजारों लोग जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, उक्त बीमारी से पीड़ित होकर ईश्वर को प्यारे हो गए हैं और अनेक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। रिपोर्टों के अनुसार मालवा क्षेत्र का एक भी गांव कैंसर की बीमारी से अछूता नहीं। कई घरों में तो कैंसर से पीड़ित 2-2 लोग भी चल बसे। कैंसर ने न नौजवान पुरुषों, न महिलाओं और न ही बुजुर्ग व बच्चों को बख्शा।

कुछ लोगों को तो पता ही तब चला जब बीमारी आखिरी स्टेज पर पहुंच चुकी थी। समय की सरकारों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए कैंसर का बड़ा अस्पताल सरकार मालवा क्षेत्र में नहीं बना सकी। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की धर्मपत्नी सुरिन्द्र कौर और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरचरन सिंह बराड़ के बेटे कंवरजीत सिंह क ा इलाज विदेशों से करवाया गया परन्तु वे भी हार गए। 

कैंसर से 60 हजार से अधिक हुई मौतें
उल्लेखनीय है कि साल 2001 से लेकर अब तक पिछले 18 सालों में 60 हजार से अधिक मौतें अकेले मालवा क्षेत्र में कैंसर की बीमारी से हुई हैं जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मिले विवरण के अनुसार कैंसर के मरीजों में महिलाओं की संख्या 65 प्रतिशत है जबकि पुरुषों की संख्या 35 प्रतिशत है। महिलाओं में छाती के कैंसर अधिक हैं। वैसे गले का कैंसर, पेट का कैंसर और ब्लड कैंसर वाले मरीजों की संख्या भी कम नहीं है। 

2 लाख 36 हजार कैंसर के मरीज
एक समाज सेवीं संस्था ने सर्वेक्षण करवाकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि इस समय 2 लाख 36 हजार कैंसर के मरीज हैं। यह खतरनाक बीमारी भले ही राज्य के सभी 22 जिलों के अंदर ही है परंतु मालवा क्षेत्र के जिलों श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा, बङ्क्षठडा, मानसा, संगरूर और बरनाला आदि में कैंसर की बीमारी ने अधिक पैर पसारे हुए हैं।

शिरोमणि प्रबंधक कमेटी ने मालवा क्षेत्र के साथ किया भेदभाव
मिन्नी पाॢलयामैंट के तौर पर जानी जाती सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जिसका हर साल का करोड़ों, अरबों रुपए का बजट होता है, की तरफ से पंजाब के कैंसर पीड़ित मरीजों की सहायता के लिए प्रत्येक साल बजट का कुछ भाग रखा जाता है परंतु जो रिपोर्टें मिल रही हैं, उनके अनुसार राज्यों के मालवा क्षेत्र के जिला श्री मुक्तसर साहिब में कैंसर पीड़ित मरीजों की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से इलाज करवाने के लिए बहुत कम सहायता मुहैया करवाई गई है।

जब कैंसर पीड़ितों के साथ किए जा रहे भेदभाव संबंधी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोबिन्द सिंह लौंगोवाल से बात की गई तो उन्होंने माना कि पहले तो देरी हो जाती होगी या किसी को आॢथक तौर पर सहायता नहीं मिली होगी परन्तु अब कैंसर पीड़ित मरीज द्वारा अर्जी देने के 3 महीनों में ही सहायता राशि मिल जाया करेगी और किसी को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। 

गांव कोटभाई में लगेगा कैंसर की बीमारी का कैंप
पंजाब सरकार, प्रशासन और सेहत विभाग चाहे कैंसर पीड़ित मरीजों की सहायता के लिए गांव स्तर पर कोई कैंप नहीं लगवा सका परंतु अब डा. नवतेज सिंह ढिल्लों यू.एस.ए. की तरफ से कुछ उद्यमी समाज सेवियों को साथ लेकर जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव कोटभाई में 3 मार्च को कैंसर पीड़ितों के लिए एक मुफ्त कैंप लगाया जा रहा है जिसमें टैस्ट मुफ्त किए जाएंगे। 

कर्ज लेने के बावजूद नहीं बच सकी मरीजों की जान
कई लोगों के कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज करवाने के लिए जमीनें और घर बिक गए हैं। आढ़तियों और साहूकारों के अलावा रिश्तेदारों से भी उधार पैसे लेकर अपने ऊपर कर्जा चढ़ा लिया परंतु इसके बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी। 

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