हथियारों की ओर युवाओं का बढ़ता रुझान खतरनाक

Edited By Anjna,Updated: 17 Jan, 2019 11:03 AM

increasing trend of youth towards weapons is dangerous

पंजाब के गांवों के लोगों की यह एक आम धारणा है कि अब खेती का धंधा बहुत फायदेमंद नहीं रहा, जिस कारण किसानों को मुनाफा नहीं हो रहा व किसानों को उनकी जिन्सों के भी पूरे भाव नहीं मिल रहे।

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): पंजाब के गांवों के लोगों की यह एक आम धारणा है कि अब खेती का धंधा बहुत फायदेमंद नहीं रहा, जिस कारण किसानों को मुनाफा नहीं हो रहा व किसानों को उनकी जिन्सों के भी पूरे भाव नहीं मिल रहे। वहीं समूची किसानी कर्जे के बोझ तले दबी है जिस कारण कर्जे के सताए किसान व मजदूर खुदकुशियां कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर यदि देखें तो स्थिति कुछ ओर ही नजर आती है।

हथियारों की ओर युवाओं का बढ़ता रुझान खतरनाक साबित हो रहा है तथा पंजाब में असलों की खरीद पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अपने रिवायती सभ्याचार को भूलते जा रहे पंजाब के लोग खाने-पीने, पहनने के शौकीन तो पहले से ही हैं, परंतु अब जैसे समय बदल रहा है वैसे ही लोग भी अपनी करवटें बदल रहे हैं। कभी कज्जे कोठों में रहने वाले लोग आज पांच तारों जैसे शानदार महलनुमा कोठियों में रह रहे हैं जिस पर लाखों से लेकर करोड़ों रुपए तक खर्च हो रहे हैं। इसके साथ कभी तांगों की सवारी करने वाले लोग भी आज महंगी लग्जरी कारों पर घूमते हैं व कस्सी का ठंडा पानी पीकर पूरा दिन निकालने वाले पंजाबी अब कोल्ड ड्रिंक के बिना कुछ समय भी नहीं रह सकते। वहीं पीने के लिए महंगे मूल्य का बंद बोतलों वाला पानी पीना अपनी शान समझते हैं।

पंजाब के नौजवानों पर जहां फैशन भारी पड़ रहा है, वहीं वह अपने खेतों में हाथों से काम करना छोड़ते जा रहे हैं जिस कारण पंजाब में ‘भाई कल्चर’ जोर पकड़ता जा रहा है और अब ‘रामू’ ही खेतों में कामों के कत्र्ता-धत्र्ता बने हुए हैं, जिन्होंने नौजवान वर्ग की भाषा ही बिगाड़ कर रख दी है। पंजाब की नौजवानी को इस बात का बिल्कुल भी फिक्र नहीं कि उनके खर्चे बढ़ते जा रहे हैं और कमाई के साधन सीमित होते जा रहे हैं। उनको तो बस अपनी शान चाहिए चाहे बापू के अंगूठे की लकीरें नीली स्याही के साथ भर जाएं। इसके साथ ही नौजवान वर्ग में एक और शौक बहुत तेजी के साथ घर करता जा रहा है वह है हथियार खरीदने का। देखो-देखी नौजवान इस शौक की दलदल में धंसते जा रहे हैं परन्तु इसका मजबूर माता-पिता भी विरोध नहीं करते और पंजाब के लोग हथियार खरीदने में दूसरे राज्यों के लोगों की अपेक्षा आगे निकल रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कई व्यक्तियों की आर्थिक हालत चाहे बहुत अच्छी नहीं है और वह पहले ही ऋणी हैं परन्तु अपने पुत्रों की मांग पूरी करने के लिए और कर्ज लेकर वह महंगे मूल्य की बंदूक या पिस्तौल खरीद रहे हैं। पंजाब में लोगों ने अरबों रुपए हथियार खरीदने पर ही लगा दिए हैं जहां से यह सिद्ध होता है कि सिर चढ़े कर्जे का किसी को फिक्र नहीं बस फीकी शोहरत चाहिए। मिले आंकड़ों के अनुसार पंजाब भर में 2 लाख से अधिक व्यक्तियों के पास लाइसैंसी हथियार हैं और असले के लाइसैंस बनाने के लिए पंजाब के विभिन्न जिलों में हजारों लोग और फार्म भर रहे हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री मुक्तसर साहिब जिले में 18,611 के करीब लोगों के पास लाइसैंसी हथियार हैं।

असले का लाइसैंस बना कर लोग महंगे से महंगे पिस्तौल व बंदूकें दूसरे राज्यों से खरीदते हैं। हथियार रखना पहले अमीर और बड़े लोगों का शौक होता था परन्तु अब यह रुझान निचले स्तर से मध्यम वर्ग के लोगों तक पहुंच गया है। कुछ लोग इस तरह ही दूसरे लोगों पर खोखला रौब डालने के लिए हथियार उठाई फिरते हैं। ज्यादातर स्थानों पर हथियारों का कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि इसके साथ नुक्सान ही हुआ है और अपनों का ही खून गिरता है। असले के लाइसैंस बनाने और हथियार खरीदने का रुझान अभी जारी है।
 

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