नमी वाले धान की आमद से दुखी होकर राइस मिलरों ने धान की लिफ्टिंग मुकम्मल तौर पर बंद कर हड़ताल का किया ऐलान

Edited By bharti,Updated: 21 Oct, 2018 01:21 PM

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अनाज मंडी सहित गांवों के खरीद केन्द्रों में सरकार द्वारा निर्धारित नमी की मात्रा से अधिक नमी वाले धान की आमद ...

भवानीगढ (कांसल): अनाज मंडी सहित गांवों के खरीद केन्द्रों में सरकार द्वारा निर्धारित नमी की मात्रा से अधिक नमी वाले धान की आमद लगातार जारी होने के मसले को गंभीरता से लेते स्थानीय राइस मिलर्ज एसोसिएशन द्वारा आज स्थानीय मार्कीट कमेटी दफ्तर में की गई मीटिंग दौरान मंडियों में से धान की लिङ्क्षफ्टग मुकम्मल तौर पर बंद करके हड़ताल करने का ऐलान करते सरकार और खरीद एजैंसियों विरुद्ध नारेबाजी की। 

इस मौके जानकारी देते राइस मिलर एसोसिएशन के जिला प्रधान नरिन्दर कुमार गर्ग और स्थानीय एसोसिएशन के समिति सदस्यों अशोक गोयल, जतिन्दर मित्तल, मुनीश कुमार ढंड, वरिन्दर मित्तल, अशोक मित्तल, मुनीश कुमार सिंगला, राजकुमार छाबड़ा, चमकौर सिंह और जगदेव सिंह बुट्टर ने बताया कि सरकार की तरफ से धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत निर्धारित की गई है परन्तु आज भी स्थानीय मंडी सहित गांवों के खरीद केन्द्रों में 22 प्रतिशत से अधिक नमी वाला धान खुलेआम आ रहा है और आढ़तियों की तरफ से बेझिझक इसको बोरियों में भरा जा रहा है जबकि राइस मिलरों द्वारा शुरू से ही मंडियों में आ रहे अधिक नमी वाले धान का विरोध किया जा रहा है और संबंधी अधिकारियों के नोटिस में लाकर मंडियों में अधिक नमी वाले धान की आमद को रोकने की लगातार मांग की जा रही है परन्तु संबंधित विभाग गहरी नींद सोए पड़े हैं और अधिक नमी वाले धान की आमद पर कोई भी रोक नही लगाई जा रही। उलटा खरीद एजैंसियों द्वारा बिना कोई मापदंड किए सरकार द्वारा निर्धारित नमी से अधिक नमी वाले धान की खरीद की जा रही है जिसको धक्के से राइस मिलरों पर डालने की तैयारियां की जा रही हैं। 

उन्होंने कहा कि खानापूर्ति के लिए मंडियों के गेटों पर विभाग की तरफ से नमी की मात्रा की जांच करने वाले मीटर वगैरह देकर कर्मचारी बिठाए हुए हैं परन्तु इनके द्वारा कोई भी ट्राली वापस नही भेजी जाती। सरकारी खरीद एजैंसियों और संबंधित विभागों की इस प्रतिक्रिया से तंग आकर आज राइस मिलरों ने धान की लिफ्टिंग मुकम्मल तौर पर बंद करके हड़ताल करने का यह सख्त फैसला लिया है। 

उन्होंने कहा कि अधिक नमी वाले धान के साथ चावलों में टुकड़ा भी ज्यादा बनेगा और इसकी क्वालिटी भी घटिया होगी, रंगत में फर्क पड़ेगा और साथ ही चावल में भी नमी की मात्रा ज्यादा रहेगी और साथ ही इस सब का खमियाजा राइस मिलरों को भुगतना पड़ेगा, जिस कारण ही राइस मिलर हर बार घाटे का शिकार होते हैं। उन्होंने मांग की कि मंडियों में आ रहे अधिक नमी वाले धान की आमद ही पूरी तरह बंद की जाए और अधिक नमी वाले धान की खरीद बंद करके बोरियों में भरने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मीटिंग करने उपरांत राइस मिलरों ने अलग-अलग खरीद एजैंसियों के अधिकारियों के साथ भी मीटिंग की और उनको अपनी मांगों से जागरूक करवाते लिफ्टिंग बंद करके हड़ताल पर जाने की जानकारी भी दी।

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