Edited By bharti,Updated: 22 Aug, 2018 02:19 PM
नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना बेहद जरूरी है, अगर नशा करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी को फिर से ...
संगरूर (विवेक सिंधवानी, यादविंदर): नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना बेहद जरूरी है, अगर नशा करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी को फिर से लाइन पर लाने के लिए अपनी इच्छाशक्ति मजबूत कर लेता है तो वह नशा छोडऩे के उद्देश्य को जल्द ही पूरा कर सकता है। इन विचारों का उल्लेख अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर संगरूर राजदीप सिंह बराड़ ने सिविल अस्पताल में नशों के बुरे प्रभावों और सरकार की नशा छुड़ाओ संबंधी सुविधा प्रति जागरूक करती वैन को हरी झंडी देने मौके किया। राजदीप सिंह बराड़ ने कहा कि नशों के बुरे प्रभावों प्रति घर से लेकर समाज के हर वर्ग को जागरूक किया जाना काफी जरूरी है क्योंकि नशों संबंधी जागरूकता की कमी भी नशे के पसार का कारण बनती है, जिसके द्वारा हम नशों को नही बल्कि नशे हमें दिन-प्रतिदिन खा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नशे दोस्त बनकर शरीर में प्रवेश करते हैं जबकि गंभीर बीमारियों का रूप धारण कर बाद में मौत बनकर उभरते हैं। इस मौके सिविल सर्जन संगरूर डा. अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नशों विरुद्ध चलाई जा रही मुहिम तहत जिला संगरूर में 5 ओट क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इन क्लीनिक्स में अब तक 630 के करीब व्यक्ति इलाज करवाने के लिए अपनी रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। गुप्ता ने बताया कि जिले में री-हैबलीटेशन सैंटर घाबदां, सब डिवीजनल अस्पताल मालेरकोटला, धूरी, सुनाम व मूनक में ये ओट क्लीनिक शुरू किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मरीज की रजिस्ट्रेशन ओट क्लीनिक में ही की जाती है जिसके साथ मरीज अपना यू.आई.डी. बताकर पंजाब के किसी भी ओट क्लीनिक से दवाई खा सकता है। इस संबंधी मरीजों की जानकारी बिल्कुल गुप्त रखी जाती है। दवाई इन ओट क्लीनिक्स से रोजाना बिल्कुल मुफ्त मिल रही है और सेहत कर्मचारी अपनी हाजिरी में मरीज को यह दवाई खिलाते हैं।
इस मौके डिप्टी मैडीकल कमिश्नर संगरूर डा. परमिंद्र कौर ने बताया कि सरकार का यत्न है कि जो भी व्यक्ति किसी नशे की जकड़ में हैं वे नशा छोड़कर आम व्यक्ति की तरह अपनी जिंदगी गुजार सकें । इस मौके जिला टीकाकरण अफसर डा. दलजीत सिंह, एस.एम.ओ. संगरूर डा. कृपाल सिंह, सरकारी नॄसग स्कूल की शिक्षार्थी, गुरप्रीत वालिया, जिला मास मीडिया विंग से विक्रम सिंह मौजूद थे।