सहजधारी सिख शिरोमणि कमेटी के लिए नहीं डाल पाएंगे

Edited By Updated: 16 Sep, 2016 01:44 PM

sehajdhari sikh

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सहजधारी सिखों के एस.जी.पी.सी. चुनाव में मताधिकार से

नई दिल्ली : गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सहजधारी सिखों के एस.जी.पी.सी. चुनाव में मताधिकार  से संबंधित याचिका का निपटारा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के नए नियम के चलते अब यह मामला तर्कसंगत नहीं रह गया है। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायमूॢत ए.एम. खानविलकर ने कहा कि अकादमिक हितों के वास्ते इस मामले की सुनवाई का कोई तुक नहीं है। एस.जी.पी.सी. ने सुप्रीम कोर्ट का रुख 20 दिसम्बर, 2011 को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले के संदर्भ में किया था जिसमें सहजधारियों के मताधिकार को बहाल किया गया था। 


हाईकोर्ट ने तब केंद्र सरकार के 8 अक्तूबर को जारी उस नोटीफिकेशन को यह कह कर रद्द कर दिया था कि केंद्र को आधिकारिक सूचना के माध्यम से गुरुद्वारा अधिनियम 1925 के तहत दिए हुए  मतदान  के अधिकार को निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्र ने अधिनियम 1925 में संसद में मई, 2016 को संशोधन कर नया कानून अधिसूचित कर दिया जिसमें सहजधारी सिखों को एस.जी.पी.सी. में मताधिकार से वंचित रखा गया। इसके परिणामस्वरूप एस.जी.पी.सी. ने नए कानून को आधार बना कर सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने की गुहार लगाई।

एस.जी.पी.सी. की तरफ से पेश हुए वकील ए.के. गांगुली और सङ्क्षतद्र गुलाटी ने बैंच से एस.जी.पी.सी. के चुनाव से संबंधित सितम्बर, 2011 में बनाई गई चुनाव कमेटी को बहाल करने की गुहार लगाई। बैंच ने याचिका को स्वीकार कर लिया। 

इसके बाद 30 मार्च, 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने अवतार सिंह मक्कड़ की अगुवाई में नवम्बर, 2010 में बनी कमेटी को गुरुद्वारा और एस.जी.पी.सी. के अन्य संस्थानों का प्रबंधन करने को कहा क्योंकि 2011 के चुनावों में सहजधारी सिखों को भाग लेने की इजाजत नहीं दी गई थी। 


गौरतलब है कि एस.जी.पी.सी. के चुनाव हर 5 साल बाद होते हैं। आज कोर्ट के समक्ष सहजधारी सिख फैडरेशन के वकील सुशील जैन ने गुरुद्वारा अधिनियम में किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने की मांग की। इसके बाद बैंच ने उनकी मांग को स्वीकारते हुए कहा कि  सहजधारी  सिख  फैडरेशन  (एस.एस.एफ.) बिना कोर्ट की अनुमति के भी नए कानून को चुनौती दे सकती है। हाईकोर्ट के फैसले और सितम्बर, 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर केंद्र ने एस.जी.पी.सी. के 170 सदस्यों से बैठक न कर सुप्रीम कोर्ट से नियम को स्पष्ट करने की अपील की। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!