मिशन तंदुरुस्त पंजाब : शहर के होटल व रैस्टोरैंट मालिकों को डी.सी. की आखिरी चेतावनी

Edited By swetha,Updated: 14 Jul, 2018 10:00 AM

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जिले के होटल व रैस्टोरैंट्स मालिकों को फूड सेफ्टी एक्ट का पालन करने की बार-बार अपील किए जाने के बावजूद ज्यादातर होटलों व रैस्टोरैंट्स मालिकों की तरफ से इस एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं आए दिन सेहत विभाग की तरफ  से की जा रही छापेमारी में...

अमृतसर (नीरज): जिले के होटल व रैस्टोरैंट्स मालिकों को फूड सेफ्टी एक्ट का पालन करने की बार-बार अपील किए जाने के बावजूद ज्यादातर होटलों व रैस्टोरैंट्स मालिकों की तरफ से इस एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं आए दिन सेहत विभाग की तरफ  से की जा रही छापेमारी में छोटे होटल व रैस्टोरैंट्स तो क्या कई 5 सितारा व 4 सितारा होटलों की तरफ से भी फूड सेफ्टी एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं। होटलों की रसोइयों में काम करने वाले कुक व अन्य कर्मचारी बिना सिर ढके व बिना दस्ताने पहने खाना बनाते पकड़े जा रहे हैं, उनका मैडिकल टैस्ट तक नहीं करवाया गया है।

हाल ही में जिला प्रशासन यानि डी.सी. की निगरानी में चलने वाले क्लबों में तो फंफूद लगा खाना पकड़ा जा चुका है, जिसको देखते हुए डी.सी. कमलदीप सिंह संघा ने आज समूह होटल व रैस्टौरैंट मालिकों के साथ बैठक करके उनको आखिरी चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि वह फूड सेफ्टी एक्ट का पालन करें। डी.सी. ने कहा कि सभी होटल व रैस्टोरैंट मालिक अपने कर्मचारियों के मैडिकल फिटनेस सॢटफिकेट बनवाएं, जिसमें मुख्य रूप से कर्मचारियों का हैपेटाइटिस-सी व एच.आई.वी. टैस्ट जरूरी करवाया जाए।

हर 6 माह बाद करवाया जाए मैडिकल टैस्ट
डी.सी. ने सभी होटल व रैस्टोरैंट मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वह एक बार मैडिकल फिटनैस सर्टिफिकेट लेने के बाद हर 6 महीने के बाद अपने आप टैस्ट करवाए ताकि होटलों व रैस्टोरैंट्स में परोसे जाने वाला खाना खाने से कोई भी टूरिस्ट या आम शहरी बीमार न हो। डी.सी. ने कहा कि गुरु की नगरी में हर रोज 50 हजार से लेकर 1 लाख तक श्रद्धालु व टूरिस्ट आ रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर होटलों व रैस्टोरैंट्स में खाना खाते हैं। इसलिए सभी होटलों के कर्मचारियों जिसमें मुख्य रूप से रसोइयों व खाना परोसने वालों का मैडिकल फिटनैस सर्टिफिकेट होना अति जरूरी है।

नशा पीड़ितों की मदद के लिए रैड क्रास की मदद करें प्रतिष्ठान
डी.सी. ने समूह होटल व रैस्टोरैंट मालिकों से नशा पीड़ितों की मदद करने की भी अपील की है और इसके लिए रैड क्रास की मदद करने के लिए कहा है। ज्ञात रहे कि प्रशासन की तरफ से नशा पीड़ितों को फ्री इलाज करवाया जा रहा है, जिसमें व्यापारिक प्रतिष्ठानों व समाजसेवी संस्थाओं की मदद ली जा रही है। नशा छुड़ाओ केन्द्र में आने वाले पीड़ितों को एस.जी.पी.सी. की तरफ से लंगर उपलब्ध करवाया जा रहा है। व्यापारिक प्रतिष्ठान चाहें तो रैड क्रास की मदद करके नशा पीड़ितों की मदद कर सकते हैं। हाल ही में रैड क्रास की तरफ से नशा पीड़ितों के लिए बैड, गद्दे व अन्य सामान भेजा गया था। 

एक हफ्ते का दिया अल्टीमेटम
होटल व रैस्टोरैंट मालिकों के साथ बैठक में जिला सेहत अफसर लखबीर सिंह भागोवालिया ने कहा कि सभी प्रतिष्ठानों को विभाग की तरफ से 1 सप्ताह का समय दिया जाता है ताकि वह फूड सेफ्टी एक्ट के नियमों को अपने होटलों व रैस्टोरैंट्स में यकीनी बना सकें। इसके बाद विभाग की तरफ से लापरवाही करने वाले प्रतिष्ठानों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भागोवालिया ने कहा कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदार भी मिलावटखोरी न करें, क्योंकि इससे छोटे बच्चे तक बीमार हो रहे हैं। पंजाब सरकार की तरफ से चलाया जा रहा तंदुरुस्त पंजाब मिशन तभी कामयाब हो सकता है जब यदि हमारा वातावरण साफ सुथरा हो, सभी होटलों व रैस्टोरैंट्स में कर्मचारियों का मैडिकल होना जरूरी है, किचन साफ सुथरा, हर किचन में डस्टबिन व खाना बनाने वाले रसोइयों के कपड़े साफ सुथरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस चेतावनी के बाद भी होटल व रैस्टोरैंट्स मालिक फूड सेफ्टी एक्ट का पालन नहीं करते हैं तो विभाग सख्त कार्रवाई करने को मजबूर होगा।

8 को कारण बताओ नोटिस जारी : लाइसैंसिंग अथॉरिटी 

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के जोनल लाइसैसिंग अथॉरिटी (अमृतसर जोन) कुलविन्द्र सिंह ने बताया कि उनके द्वारा आज जिला तरनतारन के 2 परचून दवाइयों का कारोबार करने वाले मैडीकल स्टोरों के लाइसैंस पक्के तौर पर रद्द कर दिए हैं, जिनमें गिल मैडीकल स्टोर, कोर्ट रोड पट्टी और एच.एल. मैडीकल स्टोर पट्टी रोड हरिके पत्तन शामिल है। कुलविन्द्र सिंह ने बताया कि इसके अलावा उनके द्वारा 10 मैडीकल स्टोरों के लाइसैंस सस्पैंड भी किए गए है। उन्होंने बताया कि कोई भी मैडीकल स्टोर मालिक बिना ड्रग लाइसैंस कारोबार न करें, बिना पर्ची कोई भी दवाई न बेचे, बिना फार्मासिस्ट दुकान न खोली जाए, दुकान का सारा रिकार्ड सही ढंग से रखा जाए। 

बिना लाइसैंस कारोबारियों पर होगी तुरंत कार्रवाई: ड्रग इंस्पैक्टर 
जिले के ड्रग इंस्पैक्टर गुरप्रीत सिंह सोढी ने बताया कि सेहत विभाग के उच्च अधिकारियों और डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल के आदेश पर 1 जून से आज तक कुल 42 दुकानों की चैकिंग की गई थी, जिनमें से 2  मैडीकल स्टोरों से बड़ी मात्रा में नशे के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां भी बरामद की गई है। एच.एल. और गिल मैडीकल स्टोर के लाइसैंस आज कुलविन्द्र सिंह जोनल लाइसैंसिंग अथारिटी की ओर से पक्के तौर पर रद्द कर दिए गए हैं, जो अब दवाइयों का कारोबार नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इन स्टोर मालिकों ने अपने दुकानों से दवाइयां बेची तो उनके खिलाफ बिना लाइससैंस संबंधी केस बनाकर अदालत में चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार करीब 2 दर्जन दवाइयों के नमूने सील किए गए थे, जिनकी रिपोर्ट लैबोरेटरी से आनी अभी बाकी है। यदि कोई भी मैडीकल स्टोर बिना लाइसैंस कारोबार करता पाया गया तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। 

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