स्वास्थ्य विभाग ने किया अवैध नशा छुड़ाऊ केन्द्र का पर्दाफाश

Edited By swetha,Updated: 15 Nov, 2018 10:50 AM

illegal drug trafficking busted

स्वास्थ्य विभाग ने मानांवाला के समीप स्थित गांव राजोवाल में चल रहे एक गैर कानूनी नशा मुक्ति केन्द्र का पर्दाफाश किया है। विभाग ने केन्द्र में दाखिल 8 नौजवानों को मुक्त करवाकर सरकारी स्वामी विवेकानंद नशा छुड़ाऊ केन्द्र में दाखिल करवाया है। विभाग के...

अमृतसर(दलजीत): स्वास्थ्य विभाग ने मानांवाला के समीप स्थित गांव राजोवाल में चल रहे एक गैर कानूनी नशा मुक्ति केन्द्र का पर्दाफाश किया है। विभाग ने केन्द्र में दाखिल 8 नौजवानों को मुक्त करवाकर सरकारी स्वामी विवेकानंद नशा छुड़ाऊ केन्द्र में दाखिल करवाया है। विभाग के अधिकारियों ने मौके पर केन्द्र को सील करके संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को शिकायत दे दी है। केन्द्र में दाखिल युवक 25 से 30 वर्ष के हैं। 

उक्त युवकों ने बताया कि केन्द्र के कर्मचारी उन्हें डंडों से पीटते थे तथा सही खाना भी नहीं देते थे। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को पता चला था कि गांव राजोवाल में बिना लाइसैंस के नशा मुक्ति केन्द्र चलाया जा रहा है। सहायक सिविल सर्जन डा. किरणदीप कौर ने सुबह 8 बजे दल-बल के साथ केन्द्र पर छापामारी की। उस समय एक बड़े हाल में 8 युवाओं को रखा गया था। केंद्र के अंदर गंदगी फैली थी। टीम को देखकर नशा मुक्ति केन्द्र का संचालक मौके से फरार हो गया। 

प्राइवेट गैर कानूनी नशा मुक्ति केन्द्र से मुक्त होकर आए नौजवानों ने बताया कि इलाज के नाम पर उन्हें डंडों से पीटा जाता था। एक युवक ने बताया कि हर रोज उन्हें चावल दिए जाते थे, जिसे वे पानी पीकर खाते थे। एक रोज उसने रोटी मांगी तो उसे रात डेढ़ बजे डंडे से पीटा गया। उसकी कमर व पैर पर गंभीर चोटें आईं। इसी तरह 2 अन्य नशेडिय़ों ने भी अपने शरीर के जख्म दिखाते हुए कहा कि उन्हें वहां सिर्फ शारीरिक प्रताडऩा मिलती रही।

युवकों ने बताया कि जब अभिभावक उनका हाल-चाल पूछने के लिए आते थे तो उनसे कहा जाता था उनका बच्चा सुरक्षित रहेगा और 2-3 महीनों में नशा छोड़ भी देगा। इलाज के नाम पर अभिभावकों से प्रतिमाह 10 हजार रुपए लिए जाते थे। युवकों का कहना था कि नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक व कर्मचारी उनसे अपने लिए खाना बनवाते, कपड़े यहां तक कि अंडर गारमैंट भी धुलवाते। मना करने पर गालियां निकाली जातीं और पीटा जाता। घर से जो सामान आता था वह कर्मचारी खुद ही रख लेते।

सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई ने ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए बताया कि सभी नौजवानों का सरकारी विवेकानंद नशा मुक्ति केन्द्र में नि:शुल्क इलाज होगा। उन्होंने बताया कि प्राइवेट केन्द्र में नौजवानों को दवा के नाम पर सी.पी.एम. की गोली दी जाती थी। यह दवा खुजली रोग के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके सेवन के उपरांत नींद आती है। जब केन्द्र में छापामारी की गई तो अधिकतर नौजवान दवा के कारण बेहोशी में थे। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!