Edited By Updated: 09 Aug, 2016 01:23 PM
सिख कौम की कला ‘गतका ’ को अब राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिल गया है।
चंडीगढ़: सिख कौम की कला ‘गतका ’ को अब राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिल गया है। सिख गुरु काल के समय से शुरू हुई यह कला पहले सिर्फ गुरुद्वारों, गतका अखाड़ों या नगर कीर्तन में दिखाए जाते गतका जौहर तक ही सीमित थी। अब भारत सरकार ने इस को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दे दिया है।
राष्ट्रीय खेल बन जाने के बाद अब धीरे -धीरे गतका के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल में शामिल होने के रास्ते भी खुलने की उम्मीद है। गतका फैडरेशन आफ इंडिया के प्रधान एच.एस. भुल्लर ने सिख कौम को बधाई देते बताया कि यह प्राप्ति पंजाब सरकार की तरफ से गतके को स्टेट स्पोर्टस पालिसी की ग्रेडेशन सूची में शामिल किए जाने के बाद ही संभव हो सकी है।
फेडरेशन द्वारा पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी में एक गतका नियमावली बनाई गई है जिसमें इस पुरातन खेल का हर नियम बताया गया है। पंजाब के साथ ओर सूबों में गतका के राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले भी करवाए जाते हैं।