48 वर्षों से पाक जेल में कैद है बी.एस.एफ. जवान सुरजीत सिंह

Edited By swetha,Updated: 03 Dec, 2018 08:46 AM

bsfjawan surjit singh

बी.एस.एफ. की तरफ से जहां अपना 54 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, वहीं वह एक जांबाज जवान को शायद भूल चुकी है।  बी.एस.एफ. जवान सुरजीत सिंह पिछले 48 वर्षों से पाकिस्तान की जेल में कैद है लेकिन पाकिस्तान सरकार उसे रिहा नहीं कर रही है।...

अमृतसर(नीरज): बी.एस.एफ. की तरफ से जहां अपना 54 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, वहीं वह एक जांबाज जवान को शायद भूल चुकी है।  बी.एस.एफ. जवान सुरजीत सिंह पिछले 48 वर्षों से पाकिस्तान की जेल में कैद है लेकिन पाकिस्तान सरकार उसे रिहा नहीं कर रही है। उनका परिवार आज भी उसके जिन्दा होने की उम्मीद लगाए बैठा है और उस दिन का इंतजार कर रहा है जब वह पाक जेल से रिहा होकर भारत आएंगे।

सुरजीत सिंह का परिवार पिछले कई वर्षों से उसे पाकिस्तान से रिहा करवाने के लिए प्रयास कर रहा है। यहां तक कि जंतर-मंतर पर धरना भी दे चुका है लेकिन फिर भी रिहाई नहीं हो रही है। सुरजीत सिंह गांव टहना फरीदकोट का रहने वाला है। उसका बैच नंबर 66577672 है। वह बी.एस.एफ. की 57वीं बटालियन में तैनात थे। वर्ष 1971 में जब वह सांबा सैक्टर में ड्यूटी कर रहा थे तो उस समय भारत-पाक जंग के दौरान पाकिस्तानी सेना ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया था।  आज तक उन्हें न तो रिहा किया और न ही उनके पाकिस्तानी जेल में जिन्दा होने की पुष्टि की है।

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उनके बेटे अमरीक सिंह ने बताया कि उसको अपने पिता के जिन्दा होने की खबर तब मिली जब 4 जुलाई 1984 को सतीश कुमार मरवाहा निवासी बस्ती टंका वाली फिरोजपुर पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत आया। उसने बताया कि सुरजीत सिंह वर्ष 1973 से 1984 तक उसके साथ ही पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में कैद था सतीश कुमार को सुरजीत सिंह की फोटो दिखाई गई और उसने उनकी पहचान भी कर ली।

इसके बाद वर्ष 2004 में भारतीय कैदी खुशी मोहम्मद निवासी मालेरकोटला पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत आया तो उसने भी सुरजीत सिंह के जिन्दा होने की पुष्टि की। जगजीत सिंह निवासी कपूरथला भी जब वर्ष 2004 में पाकिस्तान से रिहा होकर भारत आया तो उसने भी उनके जिन्दा होने की पुष्टि की। इतना ही नहीं पाकिस्तान में 24 वर्ष सजा काटने के बाद गोपालदास जब रिहा होकर भारत आया तो उसने बताया कि सुरजीत सिंह कोटलखपत जेल में कैद था लेकिन अब उसे किसी दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

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पाक अधिकारियों का दावा : सुरजीत नामक कोई व्यक्ति उनकी जेल में नहीं

अटारी बॉर्डर पर बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली बैठक में सुरजीत सिंह का मुद्दा उठाया गया लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरजीत सिंह संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं दिए उल्टा यह बोल रहे हैं कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनकी जेल में नहीं है। उनका परिवार इस बात से बेहद खफा है कि सुरजीत को रिहा करवाने के लिए भारत सरकार ने उतने सख्त प्रयास नहीं किए जितने करने चाहिए थे। उनका मानना है कि भारत सरकार अपने सैनिकों का योग्य सम्मान नहीं कर रही है। इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पहुंचाना चाहिए था लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है।

सैनिक मंगल सिंह का परिवार भी कर रहा वापसी का इंतजार
एक अन्य भारतीय सैनिक मंगल सिंह का परिवार भी उसकी वापसी का इंतजार कर रहा है। मंगल सिंह भी 1971 की भारत-पाक जंग में लड़ा था और पाकिस्तानी सेना के हाथ लग गया लेकिन पाकिस्तान सरकार ने न तो उसके जिन्दा होने की पुष्टि की और न ही उसकी रिहाई की। जबकि उसके परिवार को आशा है कि मंगल सिंह जिन्दा है और एक न एक दिन लौटकर जरूर आएगा।

पाकिस्तानी रेडियो ने की थी सैनिक रामदास के जिन्दा होने की पुष्टि
सैनिक रामदास का परिवार भी उनकी वापसी का आज तक इंतजार कर रहा है। रामदास के बेटे शिव कुमार के अनुसार उनके पिता भी वर्ष 1971 की जंग में पाकिस्तान के साथ लोहा ले रहे थे जहां पाकिस्तानी सेना ने उनको गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 1972 को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर रेडियो रावलपिंडी पर रामदास की आवाज सुनी थी जहां उनके पिता ने रेडियो पर बोलकर रिहाई की अपील की थी। इससे ज्यादा उनके जिन्दा होने की पुष्टि और क्या हो सकती है लेकिन आज तक उनकी रिहाई नहीं की गई है।

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आई.सी.जे. में भी दायर है अपील
भारत-पाक जंग 1965 व 1971 के 54 जंगी कैदियों के मामले में इस समय इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है लेकिन पाकिस्तान सरकार भारतीय जंगी कैदियों के रिहा होने की पुष्टि नहीं कर रही है। यह मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और केन्द्र सरकार की इसमें ङ्क्षखचाई हो रही है। गुजरात के मानवाधिकार कार्यकत्र्ता एम.के. पाल पिछले लंबे समय से 54 जंगी कैदियों की रिहाई के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने एक भी जंगी कैदी को रिहा नहीं किया है।

आई.एच.सी. को सौंपी लिस्ट में 54 भारतीय जंगी कैदियों के नाम गायब
आई.एच.सी. (इंडियन हाई कमीशन) को पाकिस्तान की तरफ से भारतीय कैदियों संबंधी भेजी गई लिस्ट में एक बार फिर से 54 भारतीय जंगी कैदियों का नाम गायब कर दिया गया है और पाकिस्तान फिर से कह रहा है कि उसकी जेलों में कोई भी भारतीय जंगी कैदी नहीं है। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में आई.एच.सी. को सौंपी लिस्ट में अपनी जेलों में सिविल कैदियों व मछुआरों के होने की पुष्टि की है लेकिन जंगी कैदियों का नाम ही नहीं लिया है जिससे जंगी कैदियों के परिवारों में फिर से दुख के बादल छा गए हैं। भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी अपने जंगी कैदियों की लिस्ट सौंप चुकी है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जंगी कैदियों को रिहा करवाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान अपनी दगाबाजी से बाज नहीं आ रहा है।

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