Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 12:34 PM
यदि देखा जाए तो केन्द्र व पंजाब सरकार ने 18 साल से कम आयु के बच्चों को सिगरेट-बीड़ी बेचने, पिलाने, तम्बाकू से तैयार सामान बेचने आदि पर पाबंदी लगा रखी है। इस तरह का सामान बेचने वाली अधिकतर दुकानों पर भी यह बोर्ड लिखे मिलते हैं कि 18 साल से कम आयु के...
गुरदासपुर (विनोद): यदि देखा जाए तो केन्द्र व पंजाब सरकार ने 18 साल से कम आयु के बच्चों को सिगरेट-बीड़ी बेचने, पिलाने, तम्बाकू से तैयार सामान बेचने आदि पर पाबंदी लगा रखी है। इस तरह का सामान बेचने वाली अधिकतर दुकानों पर भी यह बोर्ड लिखे मिलते हैं कि 18 साल से कम आयु के बच्चे सिगरेट-बीड़ी नहींं खरीद सकते।
इसी तरह जिला गुरदासपुर को तंबाकू मुक्त जिला भी घोषित किया जा चुका है परंतु इस संबंधी यदि जांच की जाए तो पता चलता है कि जिला गुरदासपुर में जितना भी यह सामान बिकता है उसमें से अधिकतर तम्बाकू से बनी तैयार चीजों की खरीदारी छोटी आयु के बच्चे करते हैं तथा छोटी आयु के बच्चों को यह सामान बेचना दुकानदारों की मजबूरी है, जबकि कुछ ढाबे व रैस्टोरैंट तो इन छोटी आयु के बच्चों को सिगरेट-बीड़ी पिलाने सहित सिंथैटिक नशों की पूर्ति का सामना उपलब्ध करवाने के लिए मशहूर भी हैं।
क्या स्थिति है जिला गुरदासपुर की
जिला गुरदासपुर में इस समय सिगरेट-बीड़ी सहित तम्बाकू से बने उत्पादनों की ब्रिकी अन्य जिलों के मुकाबले बहुत अधिक है, जबकि यही स्थिति नए बने जिला पठानकोट में भी है। केन्द्र सरकार व पंजाब सरकार ने छोटी आयु के बच्चों को इस तम्बाकूनोशी से दूर रखने के लिए कई तरह के कानून बना रखे हैं।
इस संबंधी जिला प्रशासन ने भी शिक्षण संस्थाओं के पास इस तरह का सामान बेचने पर पूर्ण पाबंदी का आदेश जारी कर रखा है परंतु इसके बावजूद जिला गुरदासपुर व जिला पठानकोट मे इन बनाए कानूनों तथा जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश की पालना नहींं हो रही है। शिक्षण संस्थाओं के आसपास कुछ दुकानदार तो चोरी-छुपे ये सामान बेचते हैं जबकि कुछ तो खुलेआम ये सामान बेच रहे हैं परंतु हैरानी की बात यह है कि छोटी आयु के बच्चों को यह तम्बाकू उत्पादन बेचने या शिक्षण संस्थाओं के आसपास इस तरह का सामान बेचने संबंधी किसी भी पुलिस स्टेशन में आज तक एक भी केस दर्ज नहींं हुआ है।
अभिभावक भी दें पुलिस को इस संबंधी जानकारी
इस संबंधी कुछ अभिभावकों ने बताया कि गुरदासपुर शहर सहित दीनानगर, पठानकोट, बटाला, कलानौर आदि शहरों मे कुछ विशेष ढाबे व रैस्टोरैंट चल रहे हैं जो छोटी आयु के बच्चों को इन तम्बाकू से तैयार चीजों के प्रयोग की इजाजत देने के साथ-साथ स्वयं भी ये समान बाजार से महंगे भाव पर बेचते हैं। इस संबंधी यदि अभिभावकों को पूरी जानकारी है तो पुलिस को भी इस संबंधी पूरी जानकारी है।
जानकारी दिए जाने के बावजूद नहीं होती है कार्रवाई
शिक्षण संस्थाओं के प्रिंसीपलों ने आरोप लगाया कि वे कुछ दुकानदारों द्वारा शिक्षण संस्थाओं के पास इस तरह का सामान बेचने संबंधी कई बार प्रशासन को सूचित किया गया है। पठानकोट की कुछ शिक्षण संस्थाओं के प्रिंसीपलों ने आरोप लगाया कि इस मामले मे पुलिस को लिखित तौर पर सूचित किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहींं होती तथा उल्टा दुकानदारों से हमारा झगड़ा हो जाता है। इसी तरह गुरदासपुर की शिक्षण संस्थाओं सहित रैड-क्रॉस नशामुक्ति सैंटर द्वारा भी पुलिस को समय-समय पर सारी जानकारी दिए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती।