Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 09:56 AM
आज सारी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। भले ही इस दिन कुछ सफल महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है परंतु आज भी पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की हालत अति दयनीय है तथा महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कभी भी बराबरी का दर्जा नहीं दिया...
श्री मुक्तसर साहब (तनेजा): आज सारी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। भले ही इस दिन कुछ सफल महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है परंतु आज भी पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की हालत अति दयनीय है तथा महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कभी भी बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के अनुसारमहिलाओं को असली सम्मान उस समय मिलेगा जिस दिन महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति पूर्ण जागरूक होकर अपनी आत्मरक्षा करनी स्वयं सीख जाएंगी। आज महिलाओं को बराबर के कानूनी अधिकार मिल चुके हैं परन्तु समाज में अभी भी कई स्थानों पर महिलाओं को वह रुतबा, मान-सम्मान तथा अधिकार नहीं मिल सके, जिनकी वह अधिकारी हैं।
महिला समाज का एक विशेष हिस्सा है जिसे सम्पूर्ण जगत की जननी कहा जाता है। सबसे अधिक सम्मान इस जाति को प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी ने दिया। उनका कहा था कि सो क्यों मंदा आखीए जित जम्मे राजान। आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘महिला दिवस’ मनाने की प्रथा शुरू हुई थी जबकि भारत में 8 मार्च 1943 को पहली बार महिला दिवस मनाया गया था। महिला दिवस को लेकर क्षेत्र की प्रमुख शख्सियतों ने कुछ इस तरह अपने विचार रखे।