Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 09:41 AM
राज्य में हथियारों के प्रसार एवं इसके गलत प्रयोग पर नजर रखने के उद्देश्य से केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसके अधीन 31 मार्च, 2017 से पूर्व एवं बाद में जारी होने वाले हर हथियार लाइसैंस के लिए अलग पहचान नंबर जारी किया जाएगा...
जालंधर (अमित): राज्य में हथियारों के प्रसार एवं इसके गलत प्रयोग पर नजर रखने के उद्देश्य से केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसके अधीन 31 मार्च, 2017 से पूर्व एवं बाद में जारी होने वाले हर हथियार लाइसैंस के लिए अलग पहचान नंबर जारी किया जाएगा जोकि नैशनल इन्फोरमैटिक्स सैंटर द्वारा विकसित प्रणाली एन.डी.ए. एल.-ए.एल.आई.एस. में दर्ज होगा। केन्द्रीय मंत्रालय की इस अधिसूचना संबंधी सिविल एवं पुलिस प्रशासन को जानकारी देने के लिए सोमवार को पंजाब पुलिस अकादमी फिल्लौर में राज्य स्तरीय तकनीकी वर्कशाप लगाई गई जिसमें जालंधर एवं लुधियाना रेंज के पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, डी.आई.जी., जिला पुलिस प्रमुख स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जालंधर जिले के डी.सी. वरिन्द्र कुमार शर्मा ने स्वयं इस वर्कशाप में भाग लिया।
उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसैंसों के लिए अलग पहचान नंबर जारी करने संबंधी गृह मंत्रालय द्वारा आम्र्ज रूल्ज के नियम 11, 2016 के तहत यह अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि हथियारों के लाइसैंसों की संख्या में हो रही वृद्धि देश की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए एक सवंदेनशील पहलू है एवं अलग पहचान नंबर की प्रकिया लागू होने से राष्ट्रीय स्तर पर लाइसैंसों संबंधी डाटा एकत्र हो सकेगा जिससे इसके प्रसार एवं गलत प्रयोग पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। वर्णनीय है कि पंजाब में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अधिक हथियार लाइसैंसधारक हैं।
सीमांत राज्य होने के कारण पंजाब आतंकवाद के काले दौर में से गुजर चुका है जिसे देखते हुए पंजाब में हथियारों पर चैकिंग रखना राज्य सरकार के लिए विशेष ध्यान रखने वाला मामला बन चुका है ताकि राज्य में अमन-शांति, कानून व्यवस्था को यकीनी बनाए रखा जा सके। इस उद्देश्य को सामने रखते हुए पंजाब पुलिस द्वारा यह वर्कशाप करवाई गई ताकि लाइसैंस जारी करने वाले अधिकारियों, जिला पुलिस प्रमुख एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को आर्म्ज एक्ट 1959 एवं आर्म्ज एक्ट 2016 के उपबंधों के तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी दी जा सके। वर्णनीय है कि इस संबंधी प्रथम वर्कशाप पटियाला में लगाई गई थी एवं अंतिम और चुतर्थ वर्कशाप सोमवार को पंजाब अकादमी फिल्लौर में लगाई गई।