Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 02:41 AM
कमिश्नरेट में ई-चालान सिस्टम शुक्रवार को शुरू हो गया। कमिश्नरेट जालंधर देश ....
जालंधर(प्रीत): कमिश्नरेट में ई-चालान सिस्टम शुक्रवार को शुरू हो गया। कमिश्नरेट जालंधर देश का पहला ऐसा शहर है जहां पर एन.आई.सी. की गाइड लाइन मुताबिक ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों के ई-चालान होंगे। ई-चालान में ट्रैफिक वायलेटर को मौके पर ही क्रैडिट, डैबिट या ऑनलाइन जुर्माना भुगतने की सुविधा प्राप्त होगी। ई-चालान प्रोजैक्ट का उद्घाटन ए.डी.जी.पी. लॉ एंड आर्डर रोहित चौधरी ने टांडा रोड पर स्थित एक स्कूल के निकट किया। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा व कमिश्नरेट के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
पहला ई-चालान करने के पश्चात ए.डी.जी.पी. रोहित चौधरी ने इस प्रोजैक्ट में दिन-रात एक करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशंसा पत्र भी दिए। पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि करीब एक माह पहले नैशनल इन्फॉरमेटिक सैंटर द्वारा ई-चालान संबंधी तैयार साफ्टवेयर की जानकारी वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए देश के विभिन्न राज्यों के 29 शहरों को दी गई। पंजाब में जालंधर व लुधियाना कमिश्नरेट को इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन एक महीने में कमिश्नरेट की टीम ने दिन-रात एक करके ई-चालान प्रोजैक्ट आज शुरू करवा दिया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस सिस्टम में डाटा बेस, वायलेटर हिस्ट्री, मौके पर चालान भुगतने की सुविधा व ऑनलाइन चालान भुगतने की सुविधा पब्लिक के लिए उपलब्ध है।
प्रथम चरण में मिली 5 मशीनें, 60 मशीनों की भेजी रिक्वायरमैंट
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कमिश्नरेट जालंधर को प्रथम चरण में 5 मशीनें मिली हैं। इसके साथ ही 60 मशीनों की रिक्वायरमैंट भेजी गई है। रिक्वायरमैंट पूरी होते ही ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ सभी थानों में ई-चालान मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी।
एन.आई.सी. से कनैक्ट है ई-चालान मशीन
अधिकारियों के मुताबिक देश के पहले शहर कमिश्नरेट को उपलब्ध करवाई गई मशीनों में देश भर के रजिस्टर्ड वाहनों तथा रजिस्टर्ड वाहन चालकों का डाटा उपलब्ध है क्योंकि ई-चालान मशीन के साफ्टवेयर को एन.आई.सी. के साथ जोड़ा गया है। जैसे ही मशीन में चिप वाले ड्राइविंग लाइसैंस या वाहन की रजिस्ट्रेशन कापी मशीन में पंच की जाती है तो उसी वक्त सारा डाटा मशीन की स्क्रीन पर होगा। वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसैंस पंच करते ही पता चल जाएगा कि वाहन चालक का पहले देश में किस राज्य या शहर में चालान हुआ है और किस नियम की अवहेलना पर चालान हुआ था।
ऑफलाइन भी कटेंगे चालान
ई-चालान मशीन पर सिर्फ ऑन लाइन ही नहीं बल्कि इंटरनैट नैटवर्क न होने की सूरत में ऑफलाइन चालान भी काटा जा सकता है। उदाहरणतया नियमों का उल्लंघन करते हुए वाहन चालक पकड़़ा जाता है और इंटरनैट सिग्नल नहीं होते तो कर्मचारी मैन्युअली चालान काट सकता है लेकिन उसके बाद जैसे ही इंटरनैट सिग्नल ठीक होते हैं तो मशीन में ऑफलाइन काटा गया चालान अपने आप ही ऑनलाइन सर्वर में फीड हो जाएगा।
ए.डी.जी.पी. चौधरी की मौजूदगी में कटा पहला चालान
टांडा रोड पर ई-चालान प्रोजैक्ट का उद्घाटन करने के लिए स्पैशल नाका लगाया गया। नाके पर ए.डी.जी.पी. रोहित चौधरी, पुलिस कमिश्नर प्रवीण सिन्हा खुद उपस्थित रहे। ई-चालान मशीन से पहला चालान विकासपुरी निवासी भरत का कटा। भरत ने चालान का ऑनलाइन भुगतान किया।
मशीन में है जी.पी.एस. सिस्टम
ई-चालान मशीन में जी.पी.एस. सिस्टम भी इंस्टॉल है। फायदा यह होगा कि जिस लोकेशन पर ई-चालान होगा उक्त लोकेशन अपने आप फीड हो जाएगी। इससे कर्मचारियों पर भी नजर रखी जा सकती है। ई-चालान में जी.पी.एस. सिस्टम इंस्टाल होने से ट्रांसपेरैंसी भी रहेगी। पुलिस वर्किंग में पारदर्शिता के लिए यह अच्छी पहल मानी जा रही है।
चोरीशुदा वाहनों की भी मिलेगी जानकारी
ई-चालान मशीन के साफ्टवेयर को अगले चरण में एन.सी.आर.बी. के साथ जोड़े जाने की संभावना है। एन.सी.आर.बी. के साथ कनैक्टिड होने पर देश भर से चोरीशुदा वाहनों का डाटा भी ई-चालान मशीन में उपलब्ध हो जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि मशीन में वाहन का नम्बर डालते ही पता चल जाएगा कि वाहन चोरी का है या नहीं।
‘वाहन कोई, नम्बर कोई’ नहीं चलेगा फंडा
अधिकारियों के मुताबिक ई-चालान मशीन में नए चिप वाले बन रहे ड्राइविंग लाइसैंस और वाहन की रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी उपलब्ध है। उदाहरणतया कई चालक वाहन पर कोई भी मनपसंद नम्बर लिखवा लेते हैं और जाली दस्तावेज तैयार कर लेते हैं लेकिन ई-चालान मशीन में किसी भी वाहन का नम्बर या ड्राइविंग लाइसैंस का नम्बर फीड करते ही उसी पल स्क्रीन पर सही डाटा उपलब्ध होगा कि फलां नम्बर परिवहन विभाग द्वारा किस व्हीकल को इशू किया गया है। ई-चालान मशीन एन.आई.सी. के जरिए देश के सभी परिवहन विभागों के साथ ऑनलाइन कनैक्टिड है।