Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 10:35 AM
वाल्मीकि बिरादरी में उस समय तनाव बढ़ गया जब एक ग्रंथी ने कीर्तन दौरान भगवान वाल्मीकि जी प्रति अपशब्द कहे।
कादियां(लुकमान): वाल्मीकि बिरादरी में उस समय तनाव बढ़ गया जब एक ग्रंथी ने कीर्तन दौरान भगवान वाल्मीकि जी प्रति अपशब्द कहे। निकटवर्ती गांव तरखानावाली में अकाली नेता कैप्टन चरणजीत सिंह के निवास पर उनके भतीजे राजविन्द्र सिंह की आत्मिक शांति के लिए रखे गए अखंड पाठ के भोग दौरान ग्रंथी पाठी के एक कीर्तनी बिक्रमजीत सिंह निवासी ठक्करसंधू द्वारा भगवान वाल्मीकि प्रति अपशब्द कहे गए।
भोग में उपस्थित वाल्मीकि भाईचारे के ध्यान सिंह नाहर तथा अन्य लोगों ने इसका विरोध किया। उन्होंने इस बात का कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्तकीर्तन करने वाले भाई को वाल्मीकि मन्दिर में फोन करके बुलाया। इस पर कीर्तनी बिक्रमजीत सिंह तथा उसका एक साथी सरदारा सिंह वाल्मीकि सभा कादियां के प्रधान राकेश कुमार डैनी के नेतृत्व में उपस्थित सैंकड़ों वाल्मीकि भाईचारे के लोगों का आक्रोश देख कर भयभीत हो गए।
जब वाल्मीकि भाईचारे के लोगों ने बिक्रम सिंह द्वारा बोले गए अपशब्दों को लिखित किताब में प्रमाणित करने की बात कही तो वह इस बात को साबित करने में असमर्थ नजर आए। उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए वाल्मीकि सभा कादियां के प्रधान राकेश कुमार डैनी तथा समूह भाईचारे से बोले गए अपशब्दों के लिए लिखित में क्षमा मांग कर अपनी जान छुड़ाई।