Edited By Updated: 30 Mar, 2017 05:20 PM
कहते है कि जाको राखे साईया तो मार के न कोय। ऐसा ही 2 घटनाएं सामने आई जहां मां ने अपनी ही कोख उजाड़ने की कोशिश लेकिन भगवान इन बच्चों का रखवाला बन गया । हो भी क्यों न जिस भगवान ने उन्हें जीवन दिया वो समय से पहले कैसे उन्हे अपने आगोश में ले सकता था।
नवांशहर/जालंधरःकहते है कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोई । ऐसा ही 2 घटनाएं सामने आई जहां मां ने अपनी ही कोख उजाड़ने की कोशिश लेकिन भगवान इन बच्चों का रखवाला बन गया । हो भी क्यों न जिस भगवान ने उन्हें जीवन दिया वो समय से पहले कैसे उन्हे अपने आगोश में ले सकता था।
गांव सजावलपुर में एक मां ने अपने 5 साल के बेटे को चाकुओं से बुरी तरह गोद कर उसकी हत्या करने की कोशिश की। मां ने बेटे को मरा हुआ समझ कर फिर खुद भी फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। वहीं दूसरी घटना में शहीद भगत सिंह नगर में पड़ते गांव खोथड़ा में करीब 7 दिन की बच्ची को मारने के प्रयास के तहत किसी ने बोरी में बंदकर सूखे कुएं में फैंक दिया था। इन बच्चों का उपचार विभन्न अस्पतालों में चल रहा है।
बेटे को चाकूओं से गोदने वाली मां ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उसकी मौत के बाद उसके बेटे का जीवन खराब न हो, इसलिए वह उसे भी मार रही है। बेटे लवप्रीत की जान उसके पिता की वजह से बची जो उसे समय पर अस्पताल ले गए। वहीं नवजन्मी बच्चों को रविवार को गांव वालों ने कुएं से निकालकर अस्पताल पहुंचाया था। उपचार के चलते इन बच्चों की हालत में सुधार हो रहा है।