स्वाइन फ्लू से गर्भवती की मौत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 12:35 PM

swine flue died

डेंगू के कहर के बाद अब देश भर में स्वाइन फ्लू के मामले उजागर होने शुरू हो गए, जिसकी चपेट में जिला नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर) भी अछूता नहीं रहा है।

नवांशहर(त्रिपाठी): डेंगू के कहर के बाद अब देश भर में स्वाइन फ्लू के मामले उजागर होने शुरू हो गए, जिसकी चपेट में जिला नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर) भी अछूता नहीं रहा है। तहसील बलाचौर के गांव रक्कड़ा ढाहां निवासी एक गर्भवती की मौत स्वाइन फ्लू से होने का मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। वर्णनीय है कि स्वाइन फ्लू से मौत का ग्रास बनी 21 वर्षीय नवविवाहिता जिसकी करीब 1 वर्ष पहले शादी हुई थी, गर्भवती थी। उक्त महिला को कुछ दिन पहले उपचार के लिए नवांशहर के एक निजी अस्पताल में लाया गया था। अस्पताल की ओर से रक्त सैंपल को चंडीगढ़ भेजा था जहां स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई, जिसके उपरान्त परिजनों ने महिला को डी.एम.सी. लुधियाना में भर्ती करवाया था, जहां मंगलवार रात को उसकी मौत हो गई थी, जबकि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में महिला का अंतिम संस्कार करवाया गया। 

स्वास्थ्य विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान 
बलाचौर के गांव रक्कड़ा ढाहां में स्वाइन फ्लू से हुई नवविवाहिता की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है। स्वाइन फ्लू से महिला की हुई मौत की पुष्टि करते हुए सिविल सर्जन डा. अजय बग्गा ने बताया कि देश भर में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जहां अलग से वार्ड स्थापित किया गया है, वहीं लोगों को इस बीमारी से बचाव संबंधी जागरूकता मुहिम भी चलाई जा रही है। लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए दिन में 10-20 बार साबुन से हाथ धोए जाएं। अपना नाक, मुंह, आंखें तथा मुंह को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन से धोएं। खांसी, नाक बहने, छींकें अथवा बुखार से पीड़ित व्यक्ति से 1 मीटर की दूरी बनाई रखी जाए। मरीज से हाथ मिलाने अथवा गले मिलने इत्यादि से परहेज किया जाए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू  एच-1 एन-1 नाम के विशेष विषाणु से होता है तथा एक से दूसरे मनुष्य तक सांस से फैलता है। इस बीमारी में आम तौर पर तेज बुखार, छींके, नाक बहना, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि लक्ष्ण पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्वाइ फ्लू के टैस्ट तथा दवाइयां सरकारी अस्पताल से मुफ्त मिलती हैं। 

स्वाइन फ्लू के लिए आइसोलेशन वार्ड स्थापित 
सीनियर मैडीकल अधिकारी डा. हरविन्द्र सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू की बीमारी से निपटने के लिए जिला स्तरीय अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड काफी पहले से ही स्थापित किया गया था। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से डाक्टर तथा स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। 
 

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