Edited By Updated: 28 Apr, 2017 09:18 AM
10 साल पहले जो मैट्रो रेल चलाने का सपना दिखाकर लोगों से वोटें बटोरने के बाद अकाली दल ने जिस प्रोजैक्ट को ड्रॉप कर दिया था, अब कांग्रेस
लुधियाना(हितेश): 10 साल पहले जो मैट्रो रेल चलाने का सपना दिखाकर लोगों से वोटें बटोरने के बाद अकाली दल ने जिस प्रोजैक्ट को ड्रॉप कर दिया था, अब कांग्रेस सरकार बनने पर उस सपने के पूरा होने की फिर से आस बंधी है। इसके तहत कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के न्यौते पर रिलायंस ग्रुप की टीम जल्द ही महानगर पहुंचकर योजना को लेकर नए सिरे से सर्वे करने जा रही है। यहां बताना उचित होगा कि 2007 के चुनावों में सुखबीर बादल ने सस्ती आटा-दाल देने के अलावा मैट्रो चलाने का शगूफा भी छोड़ा था।
इसके लिए बकायदा दिल्ली मैट्रो रेल कार्पोरेशन के साथ एग्रीमैंट भी किया गया। उसके तहत सर्वे करके डी.एम.आर.सी. ने रूट व स्टेशनों की लोकेशन तक तय कर दी लेकिन मैट्रो नहीं चल पाई, जिसे लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की किरकिरी की गई तो खुलासा हुआ कि मुद्दा लागत के आंकड़े पर फंसा हुआ है। इसमें जमीन अधिग्रहण का खर्च कम करने के लिए अंडरग्राऊंड रूट घटाने के लिए दोबारा सर्वे भी करवाया गया पर फिर भी बात नहीं बनी। इसे लेकर सवाल उठने पर सुखबीर ने योजना ही ड्रॉप करने की बात कह दी।
हालांकि उसके विकल्प के तौर पर पहले मोनो रेल व बस रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम चलाने का दावा किया गया। उनके लिए भी सर्वे करवाने सहित जनरल हाऊस से प्रस्ताव पास किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर योजनाओं पर अमल का कहीं कोई नामोनिशान नहीं है। जिसकी वजह भी फंड की कमी को बताया जा रहा है। अब सरकार बदलने पर नया निवेश लाने के लिए कैप्टन ने मुंबई का दौरा किया तो उनकी मुलाकात अनिल अंबानी से भी हुई। जिन्होंने मैट्रो चलाने की पहले से बनी योजना को सिरे चढ़ाने की पेशकश की है। उस पर कैप्टन द्वारा सहमति देने का परिणाम है कि रिलायंस ग्रुप द्वारा पंजाब इंवैस्टमैंट प्रमोशन ब्यूरो को पत्र लिख दिया है तथा अगले हफ्ते सर्वे के लिए टीम भेजी जा रही है।