पी.एम.मोदी की स्टैंड अप इंडिया" योजना पर पंजाब में नहीं हो रहा काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 03:16 PM

stand up india  yet to find feet in state

अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जोर-शोर से शुरू की गई "स्टैंड अप इंडिया" योजना पंजाब में ठुस होती दिखाई दे रही है।

चंडीगढ़ः अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जोर-शोर से शुरू की गई "स्टैंड अप इंडिया" योजना पंजाब में ठुस होती दिखाई दे रही है। इस योजना के तहत क्रेडिट को वितरित करने में कई बैंकों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिस कारण पंजाब में  इस योजना को पैर पसारने में समय लग रहा है।


देश में अनुसूचित अाबादी की काफी जनसंख्या होने के बावजूद इस योजना को  एससी / एसटी और महिलाओं को ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से योजना उधारकर्ता वांछित प्रतिक्रिया पैदा करने में विफल रहे।


इस योजना का उद्देश्य एक ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए कम से कम एक अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और एक महिला लाभार्थी प्रति बैंक शाखा के बीच 10 लाख से 1 करोड़ रुपए के बीच के बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है जबकि गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, कम से कम 51 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग और नियंत्रित हिस्सेदारी एससी / एसटी या महिला उद्यमी द्वारा की जानी चाहिए।

 

क्या है 'स्टैंड अप इंडिया स्कीम'

'स्टैंड अप इंडिया स्कीम' केंद्र सरकार की एक योजना है जिसके अंतर्गत 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक की सीमा में ऋणों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से ऐसे उद्यमियों को बड़ी संख्या में लाभ मिलने की संभावना है।

 
1. नए उद्यम स्थापित करने के लिए कार्यशील पूंजी घटक के समग्र के तौर पर 10 लाख रुपए से 100 लाख रुपए तक के बीच के संयुक्त ऋण।
2. कार्यशील पूंजी के आहरण के लिए डेबिड कार्ड (रूपे)।
3. ऋण प्राप्तकर्ता का ऋण इतिहास तैयार किया जाएगा।
4. 10 हजार करोड़ रुपए की प्रारंभिक धनराशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से पुन: वित्त सुविधा।
5. एनसीजीटीसी के माध्यम से ऋण गारंटी के लिए 5000 करोड़ रुपए के कोष का निर्माण।
6. ऋण पूर्व प्रशिक्षण आवश्यकताओं, ऋण को सुविधाजनक बनाने, फैक्टरिंग और विपणन आदि के लिए सहायता के साथ ऋण लेने वाले को व्यापक समर्थन।
7. ऑन लाईन पंजीकरण और सहायता सेवाओं के लिए वेब पोर्टल। इस प्रस्ताव का समग्र उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला ऋण प्राप्तकर्ताओं के द्वारा गैर कृषि क्षेत्र में उद्यमों की स्थापना के लिए बैंक ऋणों की सुविधा प्रदान करते हुए जनसंख्या के सेवाधीन क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए संस्थागत ऋण संरचना का लाभ उठाना है। इस पहल से अन्य विभागों में चल रही योजनाओं के साथ सहयोग करने का भी लाभ मिलेगा।

8. इस प्रक्रिया का नेतृत्व सिडबी के द्वारा संपूर्ण देश के विशेष संस्थानों के विभिन्न क्षेत्रों में दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से किया जाएगा। सिडबी के कार्यालय और कृषि एवं ग्रामीण विकास राष्ट्रीय बैंकों को स्टैंड अप संपर्क केंद्रों के तौर पर नामित किया जाएगा।

 
 

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