Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 05:01 PM
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने करीब 70 साल पहले बिछुड़े लोगों को फिर से मिला दिया है।
जालंधरः सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने करीब 70 साल पहले बिछुड़े लोगों को फिर से मिला दिया है। भारत-पाक के बंटवारे का दंश झेल रही बूढ़ी आंखें अब पुश्तैनी गांव को देखने के लिए तरस रही हैं। एक ही ख्वाहिश है कि जीते जी एक बार फिर उन गलियों को देख लें जहां बचपन बीता था।
पंजाबियों ने विभाजन दौरान पुरानी यादों को इस वर्ष में पुनर्मिलन या निराशा की कहानियों, भयावहता के बारे में कुछ वीडियो साझा किए जिसपर टिप्पणियां भी हुई जिसमें कुछ नफरत की हैं। कई अन्य वीडियो में, दोनों ओर से विभाजन का दर्द साझा किया गया हैं।
इन सभी वीडियो में आघात, आंसू, उदासीनता, शांति का संदेश और पंजाबी भाईचारे से संबंधित अाम बातें हैं। इसमें सबसे मजबूत संदेश युद्ध ना करने के लिए है। सन् 1947 में भारत से पाकिस्तान गए परिवार के मिलने की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
97 वर्षीय दीलिप कौर ने एक वीडियो जो इस साल मार्च में अपलोड किया गया था, 3.11 लाख बार देखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने संयुक्त राज्य अमरीका स्थित पुत्र चरन जीत पन्नू और पोते डॉ दलवीर पन्नू की मदद से पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में अपने गांव चक 246 जीबी शकीरा का दौरा किया।
जोगींदर सिंह, 80 वर्षीय एक रिटायर्ड स्कूल प्रिंसीपल, जो अब जालंधर में रहते हैं ने बताया कि "मैं हमेशा अपने पैतृक स्थान पर जाना चाहता था लेकिन नहीं जा पाया,"
लेकिन यह इच्छा कुछ हद तक पूरी हुई जब उसकी बेटी डॉ नवजीत कौर, जो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ थी, तीन साल पहले कनाडा में चली गई थी और कनाडा के रहने वाले एक पाकिस्तानी पंजाबी वासीम अल्ताफ से उनके पिता की पुरानी यादों के बारे में बात की थी।