Edited By Updated: 21 Jan, 2017 02:10 AM
राज्यसभा से इस्तीफा देने के 6 महीने तक सियासी पाॢटयों के सा....
चंडीगढ़: राज्यसभा से इस्तीफा देने के 6 महीने तक सियासी पाॢटयों के साथ सौदेबाजियां करने में जुटे रहे नवजोत सिंह सिद्धू लोगों को अपने गुप्तवास की झूठी कहानी सुना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सिद्धू कह रहे हैं कि वह आम आदमी पार्टी (आप) में इसलिए शामिल नहीं हुए क्योंकि ‘आप’ नेता उन्हें पंजाब से बाहर रखना चाहते थे जबकि सिद्धू के साथ हुए कांड की सारी कहानी अरविंद केजरीवाल पहले ही बता चुके हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहली बार ईमानदारी से खुलासा किया था कि पार्टी ने सिद्धू को उपमुख्यमंत्री के ओहदे की पेशकश की थी, पर उनकी नजर सबसे बड़े पद यानी मुख्यमंत्री के ओहदे पर थी इसलिए यह सौदा सिरे नहीं चढ़ सका। हरसिमरत ने कहा कि सिद्धू ने केजरीवाल के बयान का कोई जवाब नहीं दिया था, इससे साफ हो गया है कि ‘आप’ नेता सच बोल रहा था। उन्होंने कहा कि सिद्धू किस तरह कह सकते हैं कि ‘आप’ भी उन्हें पंजाब से बाहर रखना चाहती थी। क्या उपमुख्यमंत्री का दफ्तर पंजाब से बाहर है या सिद्धू को सियासत की ही समझ नहीं है या फिर सिद्धू यह सोचते हैं कि पंजाब के लोग उनके झूठ पर विश्वास कर लेंगे।
अकाली नेता ने कहा कि सिद्धू पिछली लोकसभा में उनके मैंबर साथी रहे थे, पर वह बहुत गैर-हाजिर रहते थे। सरकारी रिकार्ड के अनुसार सिद्धू की संसद में हाजिरी सिर्फ 28 प्रतिशत रही थी, उसने कभी भी कोई प्राइवेट मैंबर बिल पेश नहीं किया। वर्ष 2009 से 2014 तक के अपने 5 वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सिर्फ 3 बार बहस में भाग लिया था और सिर्फ 99 सवाल पूछे थे। इससे पता चलता है कि पंजाब और पंजाबियों की उन्हें कितनी फिक्र है तथा इन दोनों के लिए कुछ अच्छा करने के लिए वे कितने गंभीर हैं।