Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 09:01 AM
गत वर्ष 20 सितंबर को सीमावर्ती गांव मुहावा की डिफैंस ड्रेन में एक स्कूल वैन के गिरने के समय स्कूली बच्चों की जान बचाने वाला 17 वर्षीय युवक कर्णबीर सिंह आज अपने गांव गल्लुवाल का चमकता सितारा बन चुका है। राष्ट्रपति द्वारा 26 जनवरी को उसे बहादुरी का...
अमृतसर(महेन्द्र): गत वर्ष 20 सितंबर को सीमावर्ती गांव मुहावा की डिफैंस ड्रेन में एक स्कूल वैन के गिरने के समय स्कूली बच्चों की जान बचाने वाला 17 वर्षीय युवक कर्णबीर सिंह आज अपने गांव गल्लुवाल का चमकता सितारा बन चुका है। राष्ट्रपति द्वारा 26 जनवरी को उसे बहादुरी का तमगा एवं ईनाम दिए जाने के पश्चात तो वह आज अपने गांव का ही नहीं, बल्कि आस-पास के गांवों का भी चहेता बन चुका है।
उसके हर तरफ बहादुरी के छिड़े चर्चों को देख स्थानीय निकाय मंत्री पंजाब नवजोत सिंह सिद्धू भी बुधवार को इस बहादुर बालक को मिलने उसके गांव गल्लुवाल पहुंचे। इसकी बहादुरी की दात देते हुए सिद्धू ने न सिर्फ उसे एक लाख रुपए का चैक भेंट किया, बल्कि उसे व उसके परिवार को शुभकामनाएं भी दीं। इसके पश्चात सिद्धू गांव मुहावा के उस पुल का भी दौरा करने पहुंचे, जहां पिछले वर्ष 20 सितंबर को यह दुखद हादसा घटित हुआ था।
इस दौरान गांव मुहावा के लोगों ने सिद्धू को बताया कि गांव मुहावा के बाहरवार भी एक और पुल है, जो बहुत ही दयनीय हालत में है। यह सुनकर सिद्धू उस पुल को देखने भी जा पहुंचे तथा दयनीय हालत देखने के पश्चात उन्होंने गांव मुहावा तथा गांव के बाहर भी स्थित दूसरे पुल की भी मुरम्मत करवाने के लिए 10 लाख रुपए की ग्रान्ट देने की घोषणा की।
पंजाब को मान-सम्मान दिलाने वाले छोटे हीरो से मिलने की पूरी हुई इच्छा : सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि यह बालक कर्णबीर सिंह सीमावर्ती गांव से संबंध रखने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर एक रोल माडल बन चुका है, जो और भी बच्चों एवं युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि कर्णबीर ने हौंसला दिखा कर साथी बच्चों की कीमती जानें तो बचाई ही थीं, साथ में राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार हासिल करके अपने प्रदेश पंजाब को भी सम्मान दिलाया है, इसलिए ऐसे छोटे हीरो को मिलने का उन्हें सम्मान प्राप्त हुआ है, जिसने अपनी जान खतरे में डाल कर कई बच्चों की जान बचाई थी जिसे मिलने की उनकी बहुत ही इच्छा थी, जो इस बालक को आज मिल कर पूरी हुई है।
जान की परवाह न करके 28 स्कूली बच्चों की बचाई थी जान
वर्णनीय है कि गत वर्ष 20 सितंबर वाले दिन गांव मुहावा की डिफैंस ड्रेन वाले पुल से एम.के.डी. डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल नेष्टा के बच्चों से भरी स्कूल वैन पुल से नीचे पानी में गिरने से 7 बच्चों की दुखद मौत हो गई थी, जबकि स्कूल वैन में कुल 35 स्कूली बच्चे सवार थे। इस दौरान गांव गल्लुवाल निवासी कर्णबीर सिंह पुत्र दविन्द्र सिंह 11वीं कक्षा का छात्र था, जिसने अपनी जान की परवाह न करते हुए वैन में बैठे एवं पानी में डूब रहे नन्हे-मुन्हे बच्चों की जान बचाते हुए सराहनीय काम किया था। बालक कर्णबीर इस समय 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है जिसे हाल ही में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
सिद्धू से मिलकर बहुत ही प्रसन्न हो रहा था छात्र कर्णबीर
कैबिनेट मंत्री सिद्धू को अपने घर पर आते देख बालक कर्णबीर सिंह बहुत ही प्रसन्नचित मुद्रा में था, जिसका यह कहना था कि राष्ट्रीय बहादुरी का खिताब हासिल करना उसके लिए बड़े ही गर्व की बात है। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी छोटी उम्र में ही उसे इतना मान-सम्मान मिलेगा। इस मौके पर कर्णबीर तथा उसके परिवार के सदस्यों ने सिद्धू का भी आभार व्यक्त किया। इस मौके पर गांव गल्लुवाल तथा गांव मुहावा के सरपंच, नंबरदार आदि उपस्थित थे।