Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 02:56 PM
सरकार के आदेशों की धज्जियां कैसे सरकारी कार्यालय उड़ाते हैं, इसकी मिसाल उस समय देखने को मिली जब 30 सितम्बर दशहरे के दिन और............
तपा मंडी(ढींगरा): सरकार के आदेशों की धज्जियां कैसे सरकारी कार्यालय उड़ाते हैं, इसकी मिसाल उस समय देखने को मिली जब 30 सितम्बर दशहरे के दिन और 2 अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मौके जो राष्ट्रीय छुट्टी घोषित की गई थी, का पालन न करते हुए सभी सेवा केन्द्रों में आम दिनों की भांति कार्य हुआ।
श्रम कानून के अनुसार यदि किसी व्यक्ति से राष्ट्रीय छुट्टी वाले दिन कार्य लेना होता है तो उसको न केवल उस दिन का दोगुना वेतन देना होता है बल्कि उस छुट्टी को एडजस्ट करने के लिए किसी अन्य दिन की छुट्टी कर्मचारी को देनी होती है परंतु सेवा केन्द्र में न तो कोई दोगुना वेतन दिया जाता है व न ही छुट्टी बदले किसी अन्य दिन की छुट्टी दी जाती है व सेवा केन्द्र के कर्मचारी अपनी नौकरी को बचाते हुए छुट्टी वाले दिन भी सुबह 9 बजे से 6 बजे तक कार्य करने के लिए मजबूर होते हैं।
क्या कहते हैं को-आर्डीनेटर
जब इस संबंधी तपा के को-आर्डीनेटर से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके मोबाइल पर सैंटर को खुला रखने संबंधी मैसेज किया गया था व उनको मिले आदेश अनुसार ही उन्होंने अपना सैंटर खुला रखा है।
क्या कहते हैं जिला मैनेजर
जब इस संबंधी सेवा केन्द्र के जिला मैनेजर गुरशरन सिंह से उनके मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि कंपनी का जो एग्रीमैंट सरकार से हुआ है उस अनुसार सरकारी छुट्टी वाले दिन भी ये सेवा केन्द्र खुले रहेंगे। इसलिए 2 अक्तूबर जिस दिन राष्ट्रीय छुट्टी का ऐलान है उस दिन भी जिले के सभी सेवा केन्द्र खुले रखे गए हैं।
क्या कहते हैं डिप्टी कमिश्नर
जब इस विषय पर डिप्टी कमिश्रर बरनाला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी विभाग से जवाब तलब करेंगे।
क्या कहते हैं कर्मचारी
जिला बरनाला के सेवा केन्द्र में कार्य करते एक कर्मचारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर इस प्रतिनिधि को बताया कि छुट्टी वाले दिन कार्य करना उनकी मजबूरी है क्योंकि यदि वह इसका विरोध करते हैं तो उन्हें नौकरी छोड़ देने के लिए कह दिया जाता है। वे भी डरते हैं कि यदि वह हड़ताल करेंगे तो उनको बदलकर नए कर्मचारी न रख लिए जाएं। इस डर के चलते वह किसी प्रकार का विरोध करने से गुरेज कर रहे हैं।