Edited By Updated: 24 Feb, 2017 07:25 AM
होशियारपुर-चिंतपूर्णी हाईवे के लिए जमीन एक्वायर करने की आड़ में करोड़ों रुपए के हुए घोटाले के पीछे मुख्य कारण सत्ताधारी नेताओं को मोटा मुनाफा पहुंचाना था। घोटा
लुधियाना (पंकज): होशियारपुर-चिंतपूर्णी हाईवे के लिए जमीन एक्वायर करने की आड़ में करोड़ों रुपए के हुए घोटाले के पीछे मुख्य कारण सत्ताधारी नेताओं को मोटा मुनाफा पहुंचाना था। घोटाले का सूत्रधार आरोपी एस.डी.एम. जहां छुट्टी पर है, वहीं दूसरे मामलों की जांच में व्यस्त विजीलैंस टीम की आरोपियों को पकडऩे में बरती जा रही सुस्ती आरोपियों के लिए वरदान साबित हो सकती है। हाईवे के लिए जमीन एक्वायर करने के दौरान नोडल अधिकारी एस.डी.एम. आनंद सागर शर्मा ने मुख्यता उन्हीं 2 गांवों की जमीन की खरीद-फरोख्त में कायदे-कानून को ताक पर रखा, जिनमें भूमि मालिक किसानों से नोटीफिकेशन होने के बावजूद प्रभावशाली अकाली नेताओं व शर्मा के करीबी प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीन खरीदी गई थी।
जमीन को एक्वायर करने का फाइनल नोटीफिकेशन जारी होने के बावजूद नेताओं द्वारा जमीन खरीदने का रिस्क लेना साबित करता है कि यह सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। अधिकारी, सत्ताधारी व व्यापारियों की जुंडली ने मिलकर इस घोटाले की जमीनी रूपरेखा तैयार की थी। गांव ख्वासपुरा व पिपलांवाला के किसानों से जमीन खरीदकर आगे नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को बेचने की आड़ में लगभग 23.19 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। जमीन खरीदने वाले प्रभावशाली लोगों ने कृषि योग्य भूमि को कमर्शियल अथवा रिहायशी बताकर ज्यादा मुआवजे की मांग संबंधी दिए ऐतराज पर गलत रिपोर्ट करने वाले पटवारी दलजीत सिंह को भी विजीलैंस ने एफ.आई.आर. में नामजद किया हुआ है।
इनके अलावा होशियारपुर मार्कीट कमेटी के चेयरमैन अवतार सिंह जौहल, पार्षद हरपिंद्र गिल, जिला को-ऑप्रेटिव बैंक का चेयरमैन सतविंद्र पाल सिंह, प्रॉपर्टी डीलर देवी राम, जसविंद्रपाल सिंह, प्रतीक गुप्ता अभी तक हुई जांच में आरोपी पाए गए हैं। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा इस घोटाले की इन्क्वायरी विगत वर्ष विजीलैंस के हवाले की गई थी, जिसकी लंबी जांच-पड़ताल के दौरान आरोपियों पर मामला दर्ज हुआ है। जैसे-जैसे विजीलैंस इस मामले की फाइलें खंगाल रही है, वैसे-वैसे कई और प्रभावशाली खिलाडिय़ों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर भ्रष्टाचार की बहती गंगा में जमकर डुबकियां लगाईं। सूत्रों की मानें तो इस खेल का शिकार हुए कई और पीड़ित विजीलैंस को सबूत उपलब्ध करवाने की तैयारी में हैं, जिसके लिए वे सिर्फ 11 मार्च का इंतजार कर रहे हैं।