संगरूर के 27 स्टूडैंट मैरिट में, लड़के सिर्फ 7

Edited By Updated: 23 May, 2017 08:59 AM

result of 10th class

10वीं की परीक्षा के आए परिणामों में जिला संगरूर के 27 छात्रों ने मैरिट में अपना नाम दर्ज करवाया है। इन 27 छात्रों में से 20 लड़कियां व 7 लड़के हैं। पूरे पंजाब में से मैरिट में तीसरा स्थान जिला संगरूर ने हासिल किया है।

संगरूर,धूरी (विवेक सिंधवानी, यादविन्द्र, संजीव जैन): 10वीं की परीक्षा के आए परिणामों में जिला संगरूर के 27 छात्रों ने मैरिट में अपना नाम दर्ज करवाया है। इन 27 छात्रों में से 20 लड़कियां व 7 लड़के हैं। पूरे पंजाब में से मैरिट में तीसरा स्थान जिला संगरूर ने हासिल किया है। जिले में कुल 19245 छात्रों ने 10वीं की परीक्षा दी थी व उनमें से 8246 छात्र पास हुए व कुल पास प्रतिशतता 42.85 रही। मैरिट में आने वाले 27 छात्रों में से 2 छात्र सरकारी स्कूल के हैं जबकि 25 छात्र निजी स्कूलों के हैं। मैरिट में जिला संगरूर के पहले स्थान पर पंजाब में 10वां रैंक 3 छात्रों मनप्रीत कौर पुत्री भगवान सिंह स.स.स.स. पुन्नवाल, तलविन्द्र सिंह पुत्र करनैल सिंह एस.एफ.एस. स.स.स. मालेरकोटला व लवदीप कौर पुत्री गुरमीत सिंह ने 650 में से 633 अंक हासिल किए हैं जबकि जिले में दूसरा स्थान ऐमन महमूद पुत्र खालिद महमूद ने 629 अंक व तीसरा स्थान अमनदीप कौर पुत्री अमरजीत सिंह सेंट कबीर पब्लिक हाई स्कूल लड्डा ने प्राप्त किया है। बताने योग्य है कि पिछले वर्ष 10वीं की परीक्षा में जिला संगरूर के 13 छात्र मैरिट लिस्ट में आए थे। 

जिला संगरूर को मिला प्रशंसा पत्र : डी.ओ. इन्दू समिक
10वीं के आए परिणामों में जिला संगरूर के स्कूलों की कारगुजारी पर तस्सली प्रकटाते डी.ओ. इन्दू समिक ने कहा कि जिला संगरूर में इस बार परीक्षा में कोई नकल का केस नहीं बना व पूरी परीक्षाएं नकल रहित हुई व इसके लिए बकायदा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन बलवीर सिंह ढोल द्वारा संगरूर जिले को प्रशंसा पत्र दिया गया है। इन्दू समिक ने पिछले वर्ष से इस बार कम हुई पास प्रतिशतता बारे कहा कि इस बार छात्रों को कोई ग्रेस मार्क नहीं दिया गया जिस कारण पास प्रतिशतता कम हुई है। 

दलित मजदूर की बेटी मनप्रीत ने हासिल किया 10वां रैंक 
दलित मजदूर पिता की बेटी ने 10वीं की परीक्षा के नतीजे में पूरे पंजाब में से 10वां रैंक व जिला संगरूर में पहला स्थान प्राप्त किया है। सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल पुन्नवाल की छात्रा मनप्रीत कौर पुत्री भगवान सिंह ने 650 में से 633 अंक प्राप्त करके मैरिट में 10वां स्थान प्राप्त किया। दिहाड़ीदार मजदूर पिता की इस होनहार बेटी ने घर की गरीबी को अपनी पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया व अपनी सख्त मेहनत से बिना किसी ट्यूशन के सरकारी स्कूल में पढ़कर अपनी योग्यता दिखाई है। जिला शिक्षा कार्यालय संगरूर में अपने दादा हरदेव सिंह व प्रिंसीपल हरजिन्द्र सिंह के साथ पहुंची उक्त छात्रा का शिक्षा अधिकारी इंदू समिक ने विशष तौर पर स्वागत किया व लड्डुओं से उसका मुंह मीठा करवाकर मुबारकबाद दी।

आई.ए.एस. बनना चाहती हूं 
97.38 प्रतिशत अंक लेकर 10वें रैंक पर आने वाली मनप्रीत कौर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों व अध्यापकों को दिया। उसने कहा कि उसका सपना आगे पढ़कर आई.ए.एस. अधिकारी बनकरदेश की सेवा करना है। बैडमिंटन को अपनी मनपसंद खेल बताते हुए मनप्रीत कौर ने कहा कि इंगलिश, साइंस व मैथ उसके मनपसंद विषय हैं। 

नहीं मिले वजीफे के पैसे
 इस होनहार दलित छात्रा ने बताया कि 8वीं कक्षा में पढ़ते समय उसने नैशनल मीन-कम-मैरिट स्कालरशिप व पंजाब राज्य निपुणता खोज परीक्षा को पास किया था परंतु 2 वर्ष हो गए उसको आज तक इन पास परीक्षाओं के वजीफे के पैसे नहीं मिले। 

लड़कियां नहीं लड़कों से किसी भी क्षेत्र में कम : रमनदीप 
पंजाब केसरी से विशेष बातचीत करते हुए छात्रा रमनदीप पुत्री स्वर्गीय रघबीर सिंह वासी रूड़ेकेकलां ने बताया कि वह ज्वाइंट फैमिली में रहती है और उसका पालन-पोषण उसके चाचा सेवक सिंह व गुरमीत सिंह ने किया है जोकि किसान हैं। उसका सपना पायलट बनकर देश की सेवा करने का है। उसे आगे बढऩे के लिए उसके दादा मग्घर सिंह व टीचरों ने प्रेरित किया है। उसकी आदर्श उसकी दादी जसवंत कौर हैं जोकि एक घरेलू महिला हैं। उसका कहना है कि आज लड़कियां लड़कों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। इनकी भ्रूण हत्या न की जाए व इनको लड़कों के बराबर हक देकर सम्मान दिया जाए।  

इंजीनियर बनना चाहता है नितिन 
नितिन पुत्र साधु राम वासी पक्खोकलां का कहना है कि उसके पिता हैल्थ डिपार्टमैंट सरदूलगढ़ में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं व उनकी माता रितू इसी स्कूल में क्लर्क स्वरूप अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। उसका स्वप्र इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना है। उसका कहना है कि उसको पढ़ाई के लिए उसकी बुआ के लड़के सुमित गर्ग वासी तपा ने प्रेरित किया है। उसने यह मुकाम बिना किसी ट्यूशन से माता-पिता, टीचर व मैनेजमैंट के सहयोग से हासिल किया है। वह छात्रों को संदेश देना चाहता है कि मन लगाकर पढ़ें व नकल से बचें।   


 

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