Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 11:56 AM
उद्योगपतियों का साथ देकर पंजाब की इंडस्ट्री को नए आयाम पर पहुंचाने का दम भरने वाली कैप्टन सरकार ने बिजली के रेटों में 9.33 प्रतिशत की वृद्धि करके इंडस्ट्री का ही दम निकाल दिया है। अब पंजाब की औद्योगिक राजधानी लुधियाना का सरकार की उद्योग विरोधी...
लुधियाना (बहल): उद्योगपतियों का साथ देकर पंजाब की इंडस्ट्री को नए आयाम पर पहुंचाने का दम भरने वाली कैप्टन सरकार ने बिजली के रेटों में 9.33 प्रतिशत की वृद्धि करके इंडस्ट्री का ही दम निकाल दिया है। अब पंजाब की औद्योगिक राजधानी लुधियाना का सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों के कारण मानचैस्टर का रुतबा भी खतरे में पडऩे लगा है। अब आलम यह है कि बिजली के रेटों में हुई वृद्धि के साथ ही रैगुलेटरी कमीशन के फरमान के चलते बिजली की बढ़ी दरें 1 अप्रैल से लागू होने से परेशान होकर साइकिल कारोबारी आज सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और विधायक भारत भूषण आशु के दरबार पहुंचे।
यू.सी.पी.एम.ए. के प्रधान इंद्रजीत नवयुग की अध्यक्षता में वरिष्ठ उपप्रधान प्रदीप वधावन, राजेंद्र सिंह पप्पू, राजेंद्र सरहली, अच्छरू राम गुप्ता, इकबाल सिंह सोनू पर आधारित शिष्टमंडल ने सांसद बिट्टू और विधायक आशु को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते समस्त इंडस्ट्री तालाबंदी की कगार पर पहुंच गई है। केन्द्र सरकार और पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की एंटी इंडस्ट्री पॉलिसी के चलते उद्योगों पर पहले ही खतरे के बादल हैं और अब पंजाब में कैप्टन सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है।
शिष्टमंडल ने बिट्टू और आशु से मांग की कि वे इंडस्ट्री के हित में फैसला लेते हुए उनकी मांग को कैप्टन सरकार के समक्ष उठाएं। शीघ्र ही बढ़ाए गए बिजली रेटों के फरमान को वापस लिया जाए।