Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 09:31 AM
पंजाब के 90 प्रतिशत से अधिक सेवा केन्द्रों पर ताले लटकने की संभावना बनती नजर आ रही है। सरकार ने सेवा केन्द्रों को बंद करने संबंधी पंजाब के समूह जिला डिप्टी कमिश्ररों से रिपोर्ट मांगी है जिससे पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की ओर से घरों के आस-पास सरकारी...
नवांशहर (त्रिपाठी): पंजाब के 90 प्रतिशत से अधिक सेवा केन्द्रों पर ताले लटकने की संभावना बनती नजर आ रही है। सरकार ने सेवा केन्द्रों को बंद करने संबंधी पंजाब के समूह जिला डिप्टी कमिश्ररों से रिपोर्ट मांगी है जिससे पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की ओर से घरों के आस-पास सरकारी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मुहिम को जहां धक्का लग सकता है वहीं पंजाब के सेवा केन्द्रों पर कार्य करने वाले करीब ढाई हजार से अधिक कर्मचारियों पर रोजगार छिन जाने की तलवार भी लटक रही है।
सेवा केन्द्रों पर कार्यरत हैं 3200 से अधिक कर्मचारी :पंजाब की पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की ओर से पंजाब में लोगों को जिला प्रशासन की सुविधाएं घरों के आस-पास उपलब्ध करवाने के लिए जिला स्तर पर टाइप 1, कस्बों में टाइप 2 तथा गांवों में टाइप 3 स्तर के सेवा केन्द्र खोल कर इन सेवा केन्द्रों पर करीब 3200 से अधिक आप्रेटरों तथा सुपरवाइजरों को नियुक्त किया था। एक निजी कंपनी की मार्फत चलने वाले इन सेवा केन्द्रों पर आप्रेटर को करीब 10,500 रुपए मासिक तथा सुपरवाइजरों को 13,500 रुपए वेतन दिया जा रहा है।
सेवा केन्द्रों पर 150 एंट्रीज प्रत्येक दिन होना जरूरी : प्रत्येक सेवा केन्द्र पर 150 एंटरियां प्रतिदिन होना आवश्यक था। डिप्टी कमिश्रर सोनाली गिरि ने बताया कि करार के तहत यदि निर्धारित एंटरियों से कम एंटरियां होता हैं तो उसका घाटा सरकार को उठाना होगा। एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब में करीब 90 प्रतिशत सेवा केन्द्रों पर निर्धारित एंटरियां पूरी न होने के चलते पंजाब सरकार ने डिप्टी कमिश्रर से ऐसे सेवा केन्द्रों की लिस्ट मांगी है जिन्हें बंद किया जा सकता है।
जिले में चलने वाले 9 सेवा केन्द्र किन स्थानों पर करेंगे कार्य
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सरकार की हिदायतों के तहत कुछ सेवा केन्द्रों का क्लस्टर बना कर एक सेवा केन्द्र तैयार किया जाएगा जिसमें किसी भी गांव के लोगों को अपने घर से 8-9 किलोमीटर से अधिक दूरी तय न करनी पड़े। इसके तहत टाइप 1 का नवांशहर के सुविधा केन्द्र के अतिरिक्त टाइप 2 में बंगा, बलाचौर तथा राहों में तथा टाइप 3 में औड़, बहराम, मुकंदपुर, सडोआ तथा टौंसा में केन्द्र कार्य करते रह सकते हैं।