सियासी वॉकः चुनावों दौरान किए वायदों पर खरी उतरने वाली हो सरकार

Edited By Updated: 20 Jan, 2017 01:14 PM

punjab election 2017

एक तरफ जहां प्रदेश में सर्दी पूरा जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ 4 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावोंके मद्देनजर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार

घनौर(दिनेश) : एक तरफ जहां प्रदेश में सर्दी पूरा जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ 4 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावोंके मद्देनजर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार पूरी तरह गर्म है। लोग बाजारों, दुकानों पर एकत्रित होते ही आने वाली सरकार के बारे में चर्चा करने में व्यस्त हैं। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा घनौर के पार्कों और चौपालों में जाकर लोगों के साथ इस संबंधी बातचीत की गई। यहां के आम लोगों का कहना है कि तहसीलों, थानों समेत अन्य दूसरे प्रशासनिक संस्थानों को राजनीतिक गिरफ्त से मुक्त करवाने वाली सरकार बननी चाहिए। हलका घनौर में बाढ़ और सूखा दोनों की मार है क्योंकि यहां के कुछ गांवों से घग्घर दरिया, गंदा नाला और एस.वाई.एल. नहर गुजरती है और बरसातों के दिनों में इनमें आती बाढ़ के कारण किसानों की फसलें और आम लोगों का काफी जान-माल का नुक्सान होता है। दूसरी तरफ चाहे इस हलके से भाखड़ा की नरवाना ब्रांच नहर कई गांवों में से गुजरती है परंतु यहां के किसानों को जरूरी सिंचाई योग्य पानी नहीं मिल रहा, मजबूरन लोगों को महंगे भाव में बोर द्वारा पानी धरती से निकालना पड़ रहा है जिस कारण जहां भूमिगत जल स्तर घटता जा रहा है वहीं किसानों की जमीन दिन-ब-दिन बंजर होती जा रही है और हालात सूखे जैसे बने हुए हैं। दूसरा जिला पटियाला को दूसरे जिलों के मुकाबले सबसे कम पानी मिल रहा है जबकि राजनीतिक दबाव के कारण मुक्तसर जिले को सबसे अधिक पानी मिल रहा बताया जाता है। हलके के लोगों की पिछले लंबे समय से मांग रही है कि घनौर हलके को जरूरत के अनुसार सिंचाई योग्य पानी उपलब्ध करवाया जाए।

 

उक्त मसले के स्थायी हल के लिए कौन सी सरकार शुरूआत कर सकती है और कौन सी पार्टी का उम्मीदवार इन कामों को सम्पन्न करवाने में पूरी तरह से क्षमता रखता है यह इस हलके में खास चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा बेरोजगारी की समस्या भी राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरी है क्योंकि बिना रोजगार कई घरों के नौजवान नशों की गिरफ्त में आ रहे हैं जिस कारण उनके परिवारों और समाज पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि यहां से जीतने वाला उम्मीदवार वह होना चाहिए जो लोगों के सुख-दुख में शामिल होने वाला और हलके की तरक्की के प्रति गंभीर हो।

 

क्या कहना है लोगों का
आने वाली सरकार चाहे जिस किसी की भी हो, सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति पूरी तरह से सख्त हो और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़े कानून लागू होने चाहिएं व दूसरा सरकार परिवारवाद से मुक्त होनी चाहिए और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार की उम्र और शैक्षिक योग्यता तय होनी चाहिए, वहीं वोटरों को भी चाहिए कि वे अपनी वोट का इस्तेमाल जरूर करें, जिससे एक सही और योग्य उम्मीदवार को विधानसभा में भेजा जा सके जो हमारे हलके के मुद्दों को उठाने में पूरी तरह से सक्षम हो। -कृष्ण कुमार सूद

 

आने वाली सरकार शैक्षिक संस्थानों में अध्यापकों और अस्पतालों में डाक्टरों व अन्य दूसरे मुलाजिमों की खाली पड़ी पोस्टों को पहल के आधार पर भरे और सरकार को चाहिए कि वह विद्या के स्तर में समानता लाए और पढ़ाई हर वर्ग को एक सी दी जाए, जिससे समाज में समानता बन सके। दूसरा आज के युग में इलाज दिन-ब-दिन महंगा होता जा रहा है, इस करके सरकारी अस्पतालों में महंगे इलाज को भी मुफ्त या कम से कम रेट में उपलब्ध करवाना चाहिए और कई प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की हो रही लूटपाट पर नकेल कसनी चाहिए। -सुरजीत सिंह कामी

 

आने वाली सरकार प्रदेश में थानों और कचहरियों में राजनीतिक दबाव के साथ होते कामों को पूरी तरह से खत्म करवाए। हरेक व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग से संबंधित हो, को कानून के मुताबिक समय सिर बनता इंसाफ मिलना चाहिए और काम में कोताही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश के अति जरूरी कार्य जैसे कि किसानों को सिंचाई के लिए पूरा पानी दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर मिलना चाहिए और घग्घर का स्थायी हल होना चाहिए।-लक्ष्मण सिंह रसूलपुर

 

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