Punjab Election: दिग्गिजों के राजनीतिक सफर पर एक नजर

Edited By Updated: 06 Jan, 2017 08:55 AM

punjab election 2017

देश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री के तौर पर सेवारत प्रकाश सिंह बादल का जन्म दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में मलोट के पास अबुल खुराना गांव में 8 दिसम्बर, 1927 को हुआ था।

प्रकाश सिंह बादल
देश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री के तौर पर सेवारत प्रकाश सिंह बादल का जन्म दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में मलोट के पास अबुल खुराना गांव में 8 दिसम्बर, 1927 को हुआ था। वह 1970-71, 1977-1980, 1997-2002, 2007-2012 और 2012 से लेकर वर्तमान समय तक कुल मिलाकर 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मोरारजी देसाई की सरकार में थोड़े समय के लिए वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। एक साधारण कृषि पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले बादल ने 1947 में सरपंच बनकर राजनीति के मैदान में कदम रखा। कांग्रेस पार्टी के टिकट पर वह 1957 में पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। बाद में कांग्रेस से मतभेदों के चलते उन्होंने इसे छोड़ दिया। प्रकाश सिंह बादल को मोदी सरकार ने 2015 में देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया। सार्वजनिक तौर पर पिछले 70 वर्षों से पंजाब में उनका प्रभाव कायम है। बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल पंजाब के उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं। बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हैं।
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कैप्टन अमरेंद्र सिंह
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अभी-अभी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। उनका जन्म 11 मार्च, 1942 को पटियाला में हुआ था। वह पटियाला के महाराजा यादविंद्र सिंह के पुत्र हैं, उनकी माता का नाम मोङ्क्षहद्र कौर था। कैप्टन की पत्नी परनीत कौर भी एक राजनीतिज्ञ हैं। राजनीति में आने से पहले वह भारतीय सेना में थे। वह 1963 में भारतीय सेना में सम्मिलित हुए और 1965 की शुरूआत में उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पाकिस्तान से युद्ध छिड़ जाने की संभावनाओं के चलते वह 1966 की शुरूआत में दोबारा सेना में शामिल हो गए और युद्ध समाप्ति के बाद दोबारा इस्तीफा दे दिया।
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1980 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वर्ष 1984 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अकाली दल में शामिल हो गए। अकाली दल के प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा का चुनाव जीतने के बाद वह राज्य के कृषि और वन मंत्री भी रहे। आगे चलकर उन्होंने एक नए दल शिरोमणि अकाली दल (पंथक) की स्थापना की। बाद में इस दल ने कांग्रेस का समर्थन किया और कैप्टन पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष घोषित किए गए। वह 1999 से 2002 तक कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे। 

नवजोत सिंह सिद्धू
क्रिकेटर से अभिनेता और अभिनेता से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्तूबर, 1963 को पंजाब राज्य के पटियाला जिले में हुआ था। उनके पिता सरदार भगवंत सिंह सिद्धू भी एक क्रिकेट खिलाड़ी थे। नवजोत सिंह सिद्धू 2004 के आम लोकसभा चुनावों में भाजपा की तरफ  से अमृतसर की सीट पर विजय हुए। इसके कुछ समय बाद कोर्ट केस होने की वजह से उन्हें अपना पद छोडऩा पड़ा था लेकिन दोबारा बहुमत से वह अपनी सीट पर कायम रहे। वर्ष 2009 के आम लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के ओम प्रकाश सोनी को 6858 मतों से हराया और अमृतसर की सीट पर कायम रहे। 2014 के आम लोकसभा चुनावों में उन्हें अमृतसर की सीट तो नहीं मिली लेकिन उन्होंने भाजपा का काफी प्रचार प्रसार किया। सिद्धू प्रवीण शाह मामले में कुछ दिनों तक जेल में भी रहे थे। वहीं 28 अप्रैल, 2016 को उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया।

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सिद्धू की पत्नी का नाम नवजोत कौर है जो पेशे से एक सरकारी डाक्टर थीं और राजनीति में आने के चलते नौकरी से इस्तीफा दे दिया तथा पंजाब विधानसभा के अमृतसर उत्तरी क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक बनीं। नवजोत सिंह सिद्धू की एक बेटी राबिया और एक पुत्र करण हैं। बताते चलें कि कि वर्तमान में नवजोत सिंह सिद्धू की भाजपा विधायक पत्नी ने जहां कांग्रेस ज्वाइन कर ली है वहीं आने वाले कुछ दिनों में सिद्धू के भी कांग्रेस में शामिल होने के 100 प्रतिशत चांस हैं।

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