Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 09:09 AM
नगर निगम चुनाव अब शहर में एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है और मतदाताओं के मन में केवल एक ही बात है कि हमारा नेता कैसा हो, कैसे शहर की दशा सुधरेगी, कैसे जालंधर एक बार फिर से विकास की पटरी पर लौटेगा, हमारे हितों की सुरक्षा किस नेता के हाथों में सुरिक्षत...
जालंधर(जतिन्द्र चोपड़ा): नगर निगम चुनाव अब शहर में एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है और मतदाताओं के मन में केवल एक ही बात है कि हमारा नेता कैसा हो, कैसे शहर की दशा सुधरेगी, कैसे जालंधर एक बार फिर से विकास की पटरी पर लौटेगा, हमारे हितों की सुरक्षा किस नेता के हाथों में सुरिक्षत रहेगी। आजकल ऐसी ही चर्चाएंं शहर की हर गली, नुक्कड़ व बाजारों में सुनने को मिल रही हैं।
पंजाब केसरी की टीम ने आज क्रीमिका फास्ट फूड, नजदीक श्री राम चौक में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों से मिलकर ऐसी चर्चाओं व तथ्यों की जानकारी हासिल की और लोगों के विचारों को अपने पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। चंद्रमोहन मदान, दीपक सैनी ने बताया कि शहर में सड़क, स्ट्रीट लाइट, पेयजल व सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। पिछले 5 सालों में हालात सुधरने की बजाय बेहद बिगड़े हैं। उन्होंने कहा कि शहर का प्रथम नागरिक निगम का मेयर चाहे किसी भी पार्टी का बने परंतु जालंधर की जनता का सेवक व शहर के चहुंमुखी विकास का उसका विजन क्लीयर होना चाहिए। मीरा, शिवानी व सुषमा ने कहा कि हर मतदाता को वोट डालने के दौरान अपने हलके के नए पार्षद की शिक्षा, स्वभाव व योग्यता का भलि-भांति पता होना चाहिए क्योंकि मतदाता द्वारा डाली गई एक-एक वोट ने उक्त उम्मीदवार को 5 साल तक पार्षद बनने का मौका देना है।
हमें ऐसे चेहरों को आगे लाना चाहिए जिन्हें वोट डालने के उपरांत हमें पछताना न पड़े। अशोक भंडारी, टिम्मी सिड़ाना, ऋषि अरोड़ा ने कहा कि रिश्तों व जान-पहचान की भावनाओं में बहकर हम अक्सर वोट डाल देते हैं परंतु अब समय आ गया है कि हमें सजग रहकर अपने वोट के अधिकार का उपयोग करना होगा। हमारा पार्षद ऐसा होना चाहिए जोकि वार्ड के विकास के साथ-साथ निगम हाऊस में जनता के हितों की आवाज भी बुलंद कर सके। इसी प्रकार माईं दी हट्टी मलकां चौक में चाय पर चर्चा करते बंटू नैयर, वरिन्द्र कुमार, महिन्द्र पाल चौधरी, दीपक महेन्द्रू, राजन चौधरी का मानना है कि भीतरी बाजारों की गलियों व ट्रैफिक व्यवस्था का बुरा हाल है। चुनाव होते गए व नेता आते-जाते रहे परंतु संकरे बाजारों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। हमें इन समस्याओं को दूर करने वाला पार्षद चुनना चाहिए और एक बात का ध्यान जरूर रखा जाए कि पार्षद बनने का मौका उसे ही मिले जो सबंधित वार्ड में ही रहता हो ताकि लोग उसके पास दिन हो या रात किसी भी समय अपनी समस्या लेकर अप्रोच कर सकें। कैमिकल इंजीनियर जतिन्द्र कुमार ने कहा कि सॉलिड वेस्ट सिस्टम एक बड़ी समस्या बन चुका है। हमारे द्वारा चुने गए पार्षदों में से ही एक ने आगे जाकर मेयर बनना है। मेयर ऐसा हो जोकि शहर में स्वच्छता लाए, सालों से रुके सभी प्रोजैक्टों को पूरा करवाए।