विद्यार्थियों की मांगें मनवाने के लिए PSU ने निकाला रोष मार्च

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 03:04 PM

psu to overcome demands for march

पंजाब स्टूडैंट्स यूनियन (पी.एस.यू.) के साथ जुड़े सैंकड़ों विद्यार्थियों ने वीरवार को सी.एम. सिटी पटियाला में विद्यार्थियों की मांगें मनवाने के लिए विशाल रोष मार्च निकाला।

पटियाला(राजेश/जोसन) : पंजाब स्टूडैंट्स यूनियन (पी.एस.यू.) के साथ जुड़े सैंकड़ों विद्यार्थियों ने वीरवार को सी.एम. सिटी पटियाला में विद्यार्थियों की मांगें मनवाने के लिए विशाल रोष मार्च निकाला। यह नौजवान मुख्यमंत्री निवास मोती बाग पैलेस का घेराव करना चाहते थे परंतु पुलिस ने इनको डेढ़ किलोमीटर पहले ही लीला भवन में रोक लिया।

यहां ही कार्यकारी मैजिस्ट्रेट-कम-तहसीलदार ने विद्यार्थियों से मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र लिया। भड़के विद्यार्थियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।विद्यार्थियों के रोष को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन ने जत्थेबंदी को 3 अक्तूबर को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए बुलाया है, तब जाकर विद्यार्थियों ने अपना धरना समाप्त किया।

सरकार पर विद्यार्थी विरोधी होने का लगाया आरोप 
इस मौके पर पी.एस.यू. के प्रदेश नेता अमर क्रांति और बलजीत धर्मकोट ने कहा कि फिरोजपुर के तूड़ी बाजार में शहीद भगत सिंह और उसके साथियों के गुप्त ठिकाने को पुस्तकालय और अजायब घर के रूप में विकसित किया जाए। यह ठिकाना हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक्स एसोसिएशन का मुख्य दफ्तर रहा है। यहां भगत सिंह के अलावा चंद्रशेखर आजाद, शिव वर्मा, सुखदेव, विजय कुमार सिन्हा जैसे क्रांतिकारी कई महीने रहे।

इसी ठिकाने पर बैठ कर ही सांडर्स की हत्या की योजना बनाई गई थी और यहां ही बम बनाने की सामग्री इकट्ठई की जाती रही। अब सरकार इस महान ऐतिहासिक इमारत को नहीं संभाल रही। रैली दौरान मंच संचालक बलजीत सिंह धर्मकोट ने केंद्र और प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर विद्यार्थी विरोधी होने का आरोप लगाया। 

लड़कियों की पीएच.डी. तक की शिक्षा मुफ्त करने की मांग
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पी.एस.यू. के प्रदेश प्रधान रजिंद्र सिंह और प्रदेश सचिव प्रदीप कस्बा ने कहा कि लड़कियों की नर्सरी से लेकर पीएच.डी. तक की शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए। पी.एस.यू. इस मांग को लेकर कई सालों से संघर्ष करती आ रही है, जिसकी बदौलत पंजाब सरकार ने लड़कियों की मुफ्त शिक्षा का ऐलान तो किया परंतु इसको लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसान गंभीर संकट में फंसे हुए हैं।

ऋणी किसान अपने बच्चों को महंगी एजुकेशन नहीं दिला सकते। किसान समेत निचले वर्ग आर्थिक मंदहाली के शिकार हैं, इसलिए छोटे किसान समेत 2.5 लाख तक आमदन वाले जनरल वर्ग के विद्यार्थियों की समूची शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए। पी.एस.यू. के प्रदेश वित्त सचिव कर्मजीत सिंह कोटकपूरा और प्रैस सचिव मंगलजीत सिंह पंडोरी ने कहा कि दलित विद्यार्थियों की फीस माफी के लिए आमदन सीमा खत्म करनी चाहिए, दलित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को पुन: शुरू करना चाहिए। प्राइवेट कालेज दलित विद्यार्थियों से मोटी फीसें वसूल रहे हैं। सरकार दलित विद्यार्थियों के दाखिले बिना फीस के करवाना यकीनी बनाए। 

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