Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 02:49 PM
बसों के रूट में प्राइवेट बस मालिक की तरफ से टाइम टेबल में कटौती करने के कारण रोजाना हजारों यात्रियों को जहां परेशान होना पड़ता है, वहीं पी.आर.टी.सी. डिपो बुढलाडा को लाखों का नुक्सान हो रहा है।
बुढलाडा(बांसल): बसों के रूट में प्राइवेट बस मालिक की तरफ से टाइम टेबल में कटौती करने के कारण रोजाना हजारों यात्रियों को जहां परेशान होना पड़ता है, वहीं पी.आर.टी.सी. डिपो बुढलाडा को लाखों का नुक्सान हो रहा है।
जानकारी के अनुसार बुढलाडा से मानसा को आने-जाने के लिए 128 टाइम टेबल सरकारी और गैर-सरकारी (प्राइवेट) बसों का टाइम टेबल निर्धारित किया गया है जिनमें 17 टाइम टेबल पी.आर.टी.सी. के और 111 टाइम टेबल प्राइवेट बसों को दिए गए हैं। इसमें से लगभग 50 प्रतिशत प्राइवेट बसों के टाइम टेबल बंद पड़े हुए हैं। इसके साथ पी.आर.टी.सी. डिपो बुढलाडा को भारी आर्थिक नुक्सान हो रहा है। 47 टाइम टेबल अकेले मानसा को जाने के लिए गांव खिल्लण के जरिए प्राइवेट बसों के बंद पड़े हैं और सिर्फ 7 रूट ही चल रहे हैं
जिसके साथ गांव खिल्लण और नजदीक की पंचायतों की तरफ से बसों के रूट चालू करने के सम्बन्धित रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी बठिंडा, डी.सी. मानसा और प्रिंसीपल सचिव ट्रांसपोर्ट विभाग को निवेदन कर चुके हैं परंतु बंद पड़े टाइम टेबल आज तक नहीं चल सके। पी.आर.टी.सी. के एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए कहा कि इन रूटों पर प्राइवेट बस मकान मालिकों की मनमानियों के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। बस स्टैंड के अंदर एक रूट पर 4 से 5 टाइम टेबलों के मुकाबले एक टाइम टेबल ही चलाया जा रहा है। इसके साथ प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को एक तो अड्डे पर रुकने की फीस का ज्यादा भुगतान करना पड़ता है और दूसरा रूट पर चलने वाली बसों की संख्या कम है।