Edited By Updated: 25 Feb, 2017 02:34 PM
गत 19 फरवरी को गांव दानेवाला सतकोसी निवासी महिला की सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान हुई मृत्यु से रोष में आए पारिवारिक सदस्यों ने विभिन्न समाजिक, राजनीतिक संगठनो व गांववासियों सहित अस्पताल में धरना लगाकर रोष प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की।
अबोहर (रहेजा): गत 19 फरवरी को गांव दानेवाला सतकोसी निवासी महिला की सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान हुई मृत्यु से रोष में आए पारिवारिक सदस्यों ने विभिन्न समाजिक, राजनीतिक संगठनो व गांववासियों सहित अस्पताल में धरना लगाकर रोष प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की।
धरनाकारियों ने कथित आरोप लगाया कि डाक्टरों व नर्स की लापरवाही के कारण ही महिला की मृत्यु हुई है। धरने में मौजूद सैंकड़ों लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से एसएमओ व डियूटी में मौजूद स्टाफ के विरूद्व सख्त कार्रवाही करने की मांग की है। लोगों के रोष को देखते हुए डीएसपी ए.आर. शर्मा व नगर थाना प्रभारी के नेतृत्व में अस्पताल में सुरक्षा के कड़े प्रबंध भी किए गए थे।
क्या है मामला
धरने पर मृतका 25 वर्षीय रमनदीप कौर पत्नी सुखमंदर सिंह के भाई इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उसकी बहन की शादी अप्रैल 2016 में मलोट के गांव बुर्ज में हुई थी और डिलीवरी के लिए अपनी बहन को दानेवाला सतकोसी गांव की आशा वर्कर शीना के सहयोग से अबोहर के सिविल अस्पताल में 19 फरवरी को भर्ती करवाया था।
आरोपानुसार एक स्टाफ नर्स द्वारा अपने लालच के चक्कर में उसकी बहन की नार्मल डिलीवरी करवा दी गई जिसके चलते उसकी बहन की हालत बिगड़ गई व उसकी ब्लीडिंग बंद नहीं हुई। परिजनों द्वारा डाक्टर को बुलाने को कहने पर नर्स ने उनसे अभद्र व्यवहार करते हुए बिना किसी डाक्टर को सूचित किए खुद ही उपचार करना शुरू कर दिया लेकिन हालत बिगडऩे पर नर्स ने उपचाराधीन महिला के परिजनों को अन्य किसी अस्पताल में उपचार करवाने को कहा, लेकिन तब तक प्रसूता के हालात काफी बिगड़ चुके थे, जिसके कुछ समय बाद ही उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि इस काम में डॉक्टरों ने लापरवाही बरती जिस कारण ही रमनदीप कौर की मौत हुई। पीडि़त परिवार ने इस मामले की शिकायत टोल फ्री नंबर 104 पर की व इसकी लिखित शिकायत डिप्टी कमीश्नर व हयूमन राइटस कमीशन को उसी समय ही कर दी थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही गांव बकैनवाला निवासी एक दिव्यांग दंपति की प्रसूता दौरान आपरेशन थियेटर में तैनात एक स्टाफ नर्स द्वारा एक दाई के जरिए एक हजार रुपये रिश्वत लेने का मामला सामने आया था जिसके बाद सिविल सर्जन द्वारा उक्त स्टाफ नर्स का तबादला अन्य वार्ड से कर दिया था।
क्या कहते हैं एसएमओ
वहीं दूसरी ओर एसएमओ लालचंद ठकराल ने कहा कि सारे मामले की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है, उन्होंने धरनाकारियों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही जांच करवाकर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के विरूद्व कार्रवाही की जाएगी। समाचार लिखे जाने तक धरना जारी था।